चंडीगढ़, जेल में हर कैदी को उसके नाम नहीं कैदी संख्या के लिए जाना जाता है। जेल पहुंचते ही नवजोत सिंह सिद्धू अब कैदी नंबर 241383 हो गए हैं। सिद्धू में जेल को काम के बदले 30 से 90 रुपए प्रतिदिन मिलेंगे.पंजाब पीसीसी चीफ रह चुके नवजोत सिद्धू पटियाला जेल में एक साल के लिए कैद हो गए हैं। जेल प्रशासन ने उन्हें अन्य कैदियों की तरह एक नंबर दिया है। जेल में हर कैदी को उसके नाम नहीं कैदी संख्या के लिए जाना जाता है। जेल पहुंचते ही सिद्धू अब कैदी नंबर 241383 हो गए हैं। बीते रोज सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को 1988 रोड रेज केस में एक साल जेल की सजा सुनाई। जिसके बाद आज सिद्धू ने खुद ही जाकर कोर्ट में सरेंडर किया था।
पंजाब विधानसभा चुनाव में अपनी सीट हारने के बाद से नवजोत सिंह सिद्धू के सितारे गर्दिश में हैं। पहले पीसीसी पद से निकाले गए और कांग्रेस में लगातार उपेक्षा झेल रहे हैं और अब 34 साल पुराने केस में उन्हें जेल की सजा सुनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सिद्धू ने कोर्ट में सरेंडर किया और फिर मेडिकल चेकअप के बाद उन्हें पटियाला जेल में भेज दिया गया। सिद्धू अब एक साल के लिए कैदी नंबर 241383 जाएंगे। 
हर दिन लाखों रुपये की कमाई करने वाले सिद्धू अब जेल में सिर्फ 30 से 90 रुपये प्रतिदिन कमा पाएंगे। जेल प्रशासन के नियमों के अनुसार सजायाफ्ता कैदियों को सफेद कपड़े पहनना जरूरी है। इसलिए रंगीन जिंदगी जीने वाले सिद्धू को भी अन्य कैदियों की तरह सफेद कपड़े पहनने होंगे। जेल में हर कैदी को काम करना होता है। क्योंकि सिद्धू अभी अभी ही जेल पहुंचे हैं तो उन्हें शुरुआती तीन महीने काम करने का प्रशिक्षण लेना होगा। उन्हें तीन महीने अवैतनिक काम करना होगा। तीन महीने बाद ही सिद्धू को काम के पैसे मिलने लगेंगे। जिसमें भी वो 30 से 90 रुपए प्रतिदिन कमाने को मिलेंगे।

 

कांग्रेस की एक 'भूल' उसे पंजाब में बहुत भारी पड़ गईंं। कांग्रेस हाईकमान की इस 'भूल' ने पंजाब में पार्टी की जड़े हिलाकर रख दी है। कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू के फेर में कैप्‍टन अमरिंदर सिंह व सुनील जाखड़ जैसे नेताओं को गंवा दिया और अब सिद्धू भी जेल चले गए हैं। 
पार्टी आलाकमान के सिद्धू पर अति विश्‍वास के कारण कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ जैसे नेताओं को खो दिया तो अब नवजोत सिंह सिद्धू भी उसके लिए 'बोझ' बन गए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिद्धू को एक साल की सजा सुनाए जाने के बाद भले ही प्रदेश प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग पूर्व प्रदेश प्रधान के साथ खड़े होने का दावा कर रहे हों लेकिन उन्हीं की पार्टी के विधायक राणा गुरजीत सिंह ने सिद्धू की जुबान को एके 47 की गोलियों से भी तेज बता कर पार्टी के अंदर की राजनीति को उजागर कर दिया है।