पूर्वी लद्दाख में भारत व चीन के बीच लंबे समय से गतिरोध जारी है। इस गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों के सैन्‍य कमांडर स्‍तर की वार्ता का 15वां दौर 11 मार्च को होगा। इस बात का फैसला दोनों देश ने मिलकर किया है। यह बैठक भारत में स्थित चूशुल मोल्दो में होगी। इस बात की जानकारी रक्षा मंत्रालय ने दी है।  इससे पहले दो महीने पहले दोनों देशों के बीच 14वीं कोर कमांडर लेवल की बातचीत हुई थी। करीब 12।30 घंटे तक चली इस मीटिंग में यह कोशिश की गई कि पूर्वी लद्दाख  में करीब 22 महीने से जारी गतिरोध को कम किया जा सके।

अब तक हुई 14 दौर की बातचीत के बाद पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो, गलवान और गोगरा हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों के उत्तर और दक्षिण तटों से सेना वापस बुलाने व तनाव खत्म करने का समाधान हुआ है। दो महीने पहले वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चूशुल मोल्डो में हुई मीटिंग में भारतीय पक्ष का नेतृत्व फायर एंड फ्यूरी कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने किया था। चीन ने भारत के साथ सैन्य स्तर की वार्ता के ताजा दौर को सकारात्मक और सार्थक बताया था और कहा था कि बीजिंग सीमा विवाद के उचित प्रबंधन के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा। चीन ने पड़ोसियों को डराने और धमकाने के अमेरिका के आरोप को खारिज कर दिया था। सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि उनके देश और भारत को पिछले कुछ सालों में द्विपक्षीय संबंधों में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि सीमा संबंधी मतभेदों पर समान स्तर से वार्ता होनी चाहिए, ताकि एक निष्पक्ष और उचित हल निकल सके। वांग ने उम्मीद व्यक्त की है कि चीन और भारत परस्पर संघर्ष के प्रतिद्वंद्वियों के बजाए पारस्परिक सफलता के भागीदार होंगे।

चीन के संसद सत्र से इतर अपने संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्री वांग ने कहा कि चीन, भारत संबंधों में हाल के सालों में थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है, जो दोनों देशों और दो लोगों के मौलिक हितों की पूर्ति नहीं करते हैं। वहीं एक सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि चीन और भारत को प्रतिद्वंद्वियों के बजाए साझेदार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतों ने चीन और भारत के बीच हमेशा तनाव पैदा करने की कोशिश की है।