ठगी से परेशान 55 वर्षीय बुजुर्ग ने दी आत्मदाह की चेतावनी

 

हॉस्पिटल का ट्रस्टी बनाने के नाम पर डाक्टर ने की थी 55 हजार की ठगी

 

जनसुनवाई में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बताई फर्जी डॉक्टर की करतूत

 

 

 

बैतूल। मंगलवार को जनसुनवाई में 55 हजार की ठगी का एक मामला सामने आया। ठगी के शिकार पीड़ित 75 वर्षीय बुजुर्ग ने जन सुनवाई के दौरान ही कलेक्टर के सामने खड़े होकर न्याय नहीं मिलने पर आत्मदाह की चेतावनी दे डाली।

 

दरअसल, मुलताई तहसील के ग्राम सिरसावाड़ी निवासी  बुजुर्ग मोतीराम पिता नागोराव चौहान को गायत्री नगर मुलताई निवासी 27 वर्षीय डॉ. चन्द्रशेखर नागले पिता नत्थ्या नागले ने कुटरचित दस्तावेज दिखाकर किसी फाउंडेशन का ट्रस्टी बनाने का लालच दिया था। ठगी की मंशा से डाक्टर ने बकायदा मुलताई नगर के आस पास लगभग 10 एकड जमीन दिखाकर हॉस्पिटल निर्माण की बात कही। इस प्रकार गुमराह कर स्थाई ट्रस्टी बनाने की लिए 55 हजार रूपये ठगने में डाक्टर कामयाब भी हो गया। बुजुर्ग मोतीराम को बाद में डॉ. नागले और संस्था की असलियत पता चली। तब उन्होंने

 

मुलताई थाना प्रभारी सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन दुर्भाग्यवश डॉ. चन्द्रशेखर नागले के खिलाफ किसी भी अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की। मजबूरी में अब बुजुर्ग को जनसुनवाई में पहुंचकर आत्महत्या की चेतावनी देने के लिए विवश होना पड़ा।

 

-- 55 हजार लेकर 5 हजार की रसीद दी--

 

जनसुनवाई में कलेक्टर को सौंपे आवेदन में मोतीराम ने बताया डॉ.चन्द्रशेखर नागले पिता नत्थ्या नागले द्वारा उनसे सतत् सम्पर्क कर फर्जी दस्तावेज दिखाकर उन्नतिशील उपचार वेलफेयर फाउंडेशन (भारत) संस्था में स्थाई दृष्टि बनाने हेतु गुमराह कर मुलताई नगर के आस पास लगभग 10 एकड जमीन हॉस्पिटल निर्माण की बात कही गई। स्थाई ट्रस्टी बनाने के नाम पर 55 हजार रूपये लिये गये। उन्होंने सहकारी केन्द्रीय बैंक रायमला से 23 जून 2022 एवं 24 जून 2022 को आहरण कर 55 हजार रुपये का भुगतान डॉ.चन्द्रशेखर को दिया था। डॉ.चन्द्रशेखर ने 56 हजार रूपये की रसीद देने का कहकर 5000 रु की रसीद दी।

 

-- झूठे केश मे फसाने की दी धमकी--

 

शिकायतकर्ता बुजुर्ग ने बताया कि नागले से पैसे वापस करने की मांग करने पर उनके द्वारा झूठे केस में फंसाने एवं जान से मारने की धमकी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना में मेरा अकेला पुत्र भी दुनिया में नही रहा। वे बेसहारा है इसका फायदा उठाते हुए डॉ. नागले द्वारा इस प्रकार का कार्य किया गया है। न्याय नही होने की स्थिति में उनके पास आत्म हत्या करने के अलावा कोई उपाय नही है। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने आगाह किया कि भविष्य में उनके साथ कोई अनहोनी घटना होती है तो समस्त जवाबदारी डॉ. नागले व प्रशासन की होगी।