*प्राचीन मरही माता मंदिर का आवागमन मार्ग बाधित करने से बढ़ा आक्रोश ,शिकायत लेकर थाने पहुंचे श्रद्धालु*

*मुलताई* ✍️ विजय खन्ना 

मासोद रोड पर नगरीय सीमा क्षेत्र में स्थित प्राचीन मरही माता मंदिर में आवागमन वाले मार्ग को मंदिर के पास स्थित भूमि के स्वामी द्वारा बाधित कर देने के चलते श्रद्धालुओं में आक्रोश की स्थिति बन गई है। बाधित किए गए आवागमन के मार्ग को तत्काल खुलवाने की मांग को लेकर रविवार को श्रद्धालु पुलिस थाना पहुंचे। श्रद्धालुओं में महिलाओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति थी। श्रद्धालुओं ने थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर बताया भूमि स्वामी सुदेश  सुमन , जय और रूपनारायण सभी निवासी राजीव गांधी वार्ड ने  प्राचीन सार्वजनिक जनआस्था के केन्द्र  मरही माता मंदिर में आवागमन के लिए स्थित सीमेंट रोड पर लोहे का गेट लगाकर ताला लगा दिया है।
जबकि प्राचीन काल से मरही माता मंदिर स्थापित है ।जिन्होंने पूर्व में मंदिर के समीप स्थित जमीन बेची उनका भी कहना है कि मंदिर सार्वजनिक है। वर्तमान भूमि स्वामी ने इस मंदिर का  निर्माण  नही किया है । वर्तमान भूमि स्वामी का मंदिर से कोई लेना देना नही रहा है ।  वास्तविक जमीन के मालिक की मृत्यु होने पर परिवार बटवारे के विवाद के कारण वर्तमान भूमि स्वामियों द्वारा  जानबूझ कर विवाद कर मंदिर में दर्शन करने वाले और मंदिर व्यवस्थापन करने वाले को परेशान किया जा रहा है।  लोहे का गेट लगाकर ताला लगा देने जहा श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं ।वही  मंदिर की पुताई सफाई भी नहीं करने दी जा रही है। इस स्थिति में आम जनता की धार्मिक भावना आहत हो रही है।
श्रद्धालुओं ने अवरुद्ध किए गए  मंदिर के आवागमन के मार्ग को  तत्काल  खोले जाने की मांग करते हुए  चेतावनी दी है कि यदि आवगमन का मार्ग नहीं खोला गया तो आम जनता जन आन्दोलन, चक्का जाम, करने के लिए बाध्य होगी । जिसकी समस्त जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी ।
साथ ही मंदिर के आवागमन मार्ग को राजस्व अभिलेख में कैफियत के कालम में  दर्ज करने की भी मांग की है।इस संबंध में थाना प्रभारी ने  श्रद्धालुओं को आश्वासन दिया कि सोमवार को एसडीएम की उपस्थिति में दोनों पक्ष के साथ  चर्चा कर समस्या का निदान किया जाएगा। गौरतलब है कि बीते दिनों मरही माता मंदिर समिति ने भी मंदिर में आवागमन के लिए उपयोग आने वाले मार्ग को अवरुद्ध किए जाने की शिकायत एसडीएम और थाना प्रभारी से की थी ।लेकिन अभी तक प्रशासन ने इस समस्या के निदान के लिए कोई पहल नहीं की है ।जिसके चलते श्रद्धालुओं में आक्रोश की स्थिति निर्मित हो रही है।