उद्गम स्थल से  ताप्ती जल कलश  लेकर संगम स्थल डूमस तक जा रही  मां ताप्ती दर्शन पदयात्रा का हुआ  शुभारंभ*

 

*जयकारे लगाते  हुए ताप्ती सरोवर की  परिक्रमा कर  रवाना हुए पदयात्री*

 

मुलताई✍️ विजय खन्ना

 

पुण्यसलिला सूर्यपुत्री ताप्ती के उद्गम स्थल से समुद्र संगम स्थल डुमस गुजरात जा रही मां ताप्ती दर्शन पदयात्रा का शुभारंभ शनिवार सुबह पावन ताप्ती सरोवर के तट पर स्थित मां ताप्ती मंदिर में  पूजा अर्चना के साथ  हुआ इसके पूर्व पदयात्रियों ने 

 

रेलवे स्टेशन के पास स्थित नारद कुंड पर पहुंचकर भी पूजा अर्चना की सुबह 8 बजे ताप्ती मंदिर में पावन ताप्ती जलकलश का  पूजन  किया गया  उसके उपरांत मां ताप्ती की पूजा अर्चना और आरती कर जलकलश लेकर पद यात्रियों ने बाजे गाजे के साथ ताप्ती सरोवर की परिक्रमा की और मां ताप्ती के जयकारे लगाते हुए अगले पड़ाव मरही माता मंदिर के लिए रवाना हुए मरही माता मंदिर तक नगर के श्रद्धालुओं ने भी पदयात्रा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई  पदयात्रा के मासोद रोड  पर स्थित मरही माता मंदिर पहुंचने पर मंदिर समिति द्वारा पदयात्रियों का स्वागत किया वही पदयात्रियों ने मरही माता मंदिर में माता रानी के चरणों में मत्था टेका और अगले पड़ाव की ओर रवाना हुए  मां ताप्ती दर्शन पदयात्रा सेवा समिति के अध्यक्ष जितेंद्र कपूर ने बताया यात्रा में शामिल पदयात्री मध्य प्रदेश महाराष्ट्र और गुजरात के सीमा क्षेत्र में लगभग 1000 किलोमीटर की दूरी तय कर  17 फरवरी को यात्रा के अंतिम पड़ाव  दुर्वासा ऋषि आश्रम डूमस (सूरत) पहुंचेंगे 18 फरवरी को संगम स्थल  डूमस में पूजा अर्चना कर  चुनरी अर्पण के साथ  पदयात्रा का समापन होंगा गौरतलब है कि बीते वर्ष 2006 में मां ताप्ती दर्शन पदयात्रा का शुभारंभ हुआ था उसके बाद से प्रतिवर्ष पदयात्रा का आयोजन हो रहा है पदयात्रा में शामिल यात्री ताप्ती के बहाव क्षेत्र के किनारे से पैदल चलकर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठाते हुए मार्ग में पड़ने वाले  ग्रामो और नगरों के निवासियों को ताप्ती को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त रखने के लिए प्रेरित करते हैं