हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक व शुभ कार्य को करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है। मान्यता है कि अगर शुभ मुहूर्त में कोई काम किया जाए तो इसका पूरा फल प्राप्त होता है और कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण हो जाते है।

ऐसे में हर कोई शुभ कार्यों के लिए मुहूर्त तलाश करता है लेकिन कुछ ऐसे दिन भी होते है जिन्हें शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जता है।

इन्हीं में से एक खरमास भी है। धार्मिक तौर पर खरमास को अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस बार खरमास का आरंभ 15 मार्च से हो चुका है जिसका समापन 14 अप्रैल को हो जाएगा। ऐसे में आज हम आपको खरमास से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे है तो आइए जानते है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खरमास के दिनों में सूर्य आराधना विशेष फलदायी होती है। मान्यता है कि इस दौरान अगर भगवान श्री सूर्यदेव की पूजा की जाए तो साधक को निरोगी रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। लेकिन इन दिनों मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है इस दौरान विवाह शादी जैसे कार्यों को करने पर रोक लगी होती है।

मान्यता है कि अगर कोई ऐसा करता है तो उसके वैवाहिक जीवन में परेशानियां हमेशा बनी रहती है। खरमास में नए घर का निर्माण या फिर खरीद करने से भी बचना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मकान मजबूत नहीं होता है और घर की सुख समृद्धि भी बाधित होती है। इस दौरान नए कारोबार की शुरुआत भी नहीं करनी चाहिए वरना व्यक्ति को घाटे का सामना करना पड़ सकता है।