नौकरीपेशा हो या कारोबारी, कभी न कभी लोन लेने की जरूरत सभी को पड़ती है। लेकिन लोन पाना इतना आसान भी नहीं है। यह एक लंबी-चौड़ी प्रक्रिया है और कई बार तो लोगों को काफी मशक्कत के बाद भी बेहतर ब्याज दरों पर वांछित लोन नहीं मिल पाता है या फिर इस राह में उन्हें तमाम मुश्किलों को सामना करना पड़ता है।

इसके पीछे एक बड़ी वजह खराब क्रेडिट स्कोर का होना है, तो वहीं कई बार जटिल वित्तीय मामलों पर जानकारी की कमी भी परेशानी का सबब बन जाती है, जिसके चलते कर्ज लेने वाले स्थिति को ठीक से समझ नहीं पाते और उन्हें खाली हाथ पीछे की ओर लौटना पड़ता है।

कैसे तय होता है क्रेडिट स्कोर

देश में किसी व्यक्ति या कंपनी के क्रेडिट इतिहास का मूल्यांकन ज्यादातर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड (CIBIL) के जरिए किया जाता है । CIBIL एक क्रेडिट रेटिंग फर्म है, जिसके 2400 से ज्यादा सदस्य हैं। इसमें NBFCs, बैंक और होम फाइनेंसिंग व्यवसाय जैसे वित्तीय संस्थान शामिल हैं। CIBIL स्कोर के जरिए 55 करोड़ से ज्यादा ग्राहकों और संगठनों के क्रेडिट इतिहास को मैनेज किया जाता है।

यहां इस बात पर ध्यान देना होगा कि कोई वित्तीय संस्थान उधारकर्ता को कर्ज या क्रेडिट कार्ड को मंजूरी देगा या नहीं, इसमें CIBIL की कोई भूमिका नहीं होती है। लेकिन हां, यह जरूर कहा जा सकता है कि यह लोन लेने के इच्छुक व्यक्ति के बारे में तुरंत एक राय बनाने में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए, अगर आपका उच्च सिबिल स्कोर है तो कर्ज दिए जाने की संभावनाएं ज्यादा हो जाती हैं। अगर कम CIBIL स्कोर के बावजूद आपका लोन को मंजूरी मिल जाती है, तो समझ लीजिए कि ब्याज दर काफी ज्यादा लगाई गई होगी।

आसान नहीं है क्रेडिट स्कोर सुधारना

खराब क्रेडिट हिस्ट्री को सुधारना एक चुनौती भरा काम हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है। क्रेडिट स्कोर में सुधार करने में भले ही समय और प्रयास काफी ज्यादा लगाना पड़े, लेकिन यह किसी व्यक्ति को बेहतर शर्तों और कम ब्याज दरों पर लोन पाने में मदद करके, लंबे समय में फायदा पहुंचाता है।

आइए जानते हैं क्रेडिट स्कोर को सुधारने और लोन के स्वीकृत होने की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए उठाए जाने वाले कुछ कदमों के बारे में :-

क्रेडिट रिपोर्ट की जांच

कोई भी व्यक्ति अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पाने के लिए क्रेडिट ब्यूरो (इक्विफैक्स, एक्सपेरियन या ट्रांसयूनियन) में से किसी एक के पास जा सकता है। अपनी रिपोर्ट में मौजूद त्रुटियों या चूक को पहचानने के लिए इसकी समीक्षा करनी जरूरी है। तभी आप उन्हें ठीक करने के लिए कह सकते हैं।

समय पर करें पेमेंट

एक अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखने के लिए सबसे अच्छी रणनीतियों में से एक समय पर कर्ज चुकाना है। इस तरह उधारकर्ता लोन देने वाली कंपनी पर सकारात्मक असर डाल सकता है और आगे उधार लेने में उसे किसी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगर इस बात को आसान शब्दों में कहा जाए तो सिबिल स्कोर कम होने के सबसे बड़ी वजहों में लोन बकाए के पेमेंट में देरी है। ऐसे में एक व्यक्ति को क्रेडिट कार्ड के जरिए या फिर अपनी आय और समय पर पेमेंट करने की क्षमता के अनुसार ही लोन का विकल्प चुनना चाहिए। 

क्रेडिट कार्ड का लिमिट में करें इस्तेमाल

अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने के सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक है, अपने क्रेडिट कार्ड की पूरी लिमिट का इस्तेमाल न करना। क्रेडिट लिमिट का सिर्फ 30 प्रतिशत खर्च सुनिश्चित करने से क्रेडिट स्कोर में सुधार करने में काफी मदद मिल सकती है। दरअसल क्रेडिट कार्ड के जरिए 30 प्रतिशत से अधिक खर्च यह दर्शाता है कि आप अपने खर्चों को बिना सोचे समझे बढ़ाते हैं। इससे आपका स्कोर कम हो जाएगा।

सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड

अगर किसी को पारंपरिक क्रेडिट कार्ड मिलने में परेशानी हो रही है, तो सिक्योरड क्रेडिट कार्ड एक अच्छा विकल्प हो सकता है। फिक्स डिपॉजिट के बदले में किसी भी व्यक्ति को सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड इश्यू किया जा सकता है। इसकी लिमिट फिक्स डिपाजिट में जमा पैसे के आधार पर तय की जाती है। अगर आप इसका इस्तेमाल सही ढंग से करेंगे तो यह क्रेडिट स्कोर बढ़ाने में मदद कर सकता है।

क्रेडिट मिक्स में बैलेंस बनाए रखें

क्रेडिट मिक्स को हमेशा संतुलित बनाए रखना चाहिए। जब क्रेडिट स्कोर गिरता है, तो लोग अक्सर उस क्रेडिट कार्ड को रद्द कर देते हैं और एक नए कार्ड के लिए आवेदन कर देते हैं। ऐसा न करें। यह सिबिल स्कोर में नकारात्मक असर डाल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार अच्छा स्कोर बनाए रखने के लिए सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड क्रेडिट मिक्स में बैलेंस होना चाहिए।