श्योपुर   मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के आदिवासी इलाकों में रहने वाली 2 महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित होने वाले समारोह में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इन महिलाओं ने साल भर के भीतर 700 से ज्यादा लोगों की समस्याओं का समाधान करवाया है।
 
शीतल बैरवा और विमला आदिवासी नाम की ये दोनों महिलाएं नीति आयोग द्वारा संचालित लोक अधिकार केंद्र श्योपुर की समता सखी हैं। ये दोनों अलग-अलग स्वसहायता समूहों से भी जुड़ी हैं। जिनके द्वारा गरीब, बेबस महिलाओं के उत्थान एवं जागरूकता के लिए कई काम किए गए हैं। विमला आदिवासी के द्वारा करीब 400 लोगों की समस्याओं का निराकरण कराया गया है। 

महान हस्तियों के बीच होगा सम्मान

वहीं शीतल बैरवा ने भी करीब 350 लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान कराया। इनमें मुख्य रूप से घरेलू हिंसा, रोजगार, विधवा, वृद्धा और विकलांग पेंशन योजना का लाभ दिलाना, कुपोषण से जंग की सहायता राशि दिलाने के लिए प्रकरण तैयार करके जिले के अधिकारियों से उनका समाधान कराने का काम, गरीबों की जमीनों को दबंगों के चंगुल से मुक्त करवाने का कार्य करने में अहम भूमिका अदा की है। जिसके लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर देश की महान हस्तियों के बीच मंच से सम्मानित किया जाएगा और इन दोनों महिलाओं को उद्बोधन देने का मौका मिलेगा।

यूं होता है समस्या का समाधान

बता दें कि 6 अक्टूबर 2020 को आदिवासी बाहुल्य श्योपुर जिले में लोक अधिकार केंद्र की स्थापना की गई थी। यह प्रयोग देश में सबसे पहले श्योपुर जिले में किया गया था। इस केंद्र पर सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को लोगों की समस्याएं सुनी जाती हैं। यहां मुख्य रूप से महिलाओं के हक और अन्य मुद्दों को पहले ग्राम संगठन स्तर पर सुलझाने का प्रयास किया जाता है, जिन प्रकरणों का वहां हल नहीं हो पाता है उन्हें संकुल स्तर पर लाया जाता है, जहां यह दोनों महिलाएं दस्तावेज तैयार करके उन्हें संबंधित विभाग तक लेकर जाती हैं और उनका समाधान करवाती हैं। 

निपटाए महिलाओं से जुड़े 698 मामले

इनके द्वारा अब तक 698 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। जिममें महिला एवं बाल विकास विभाग से लेकर राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनरेगा, समाजिक न्याय, बिजली कंपनी सहित तमाम विभागों से जुड़ी समस्याओं से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। अब इन महिलाओं को दिल्ली में सम्मान से नवाजा जाएगा और इसके बाद उन्हें केरल भेजा जाएगा। जहां वह मंच के माध्यम से श्योपुर जिले का नाम रोशन करेंगी। 

दिल्ली के बाद केरल में भी होगा सम्मान

महिला विमला आदिवासी का कहना है कि, वह महिलाओं से जुड़े अलग-अलग मुद्दों और हर समस्याओं का निराकरण करवाने का काम करती हैं। इसके साथ वह अपनी खेती-बाड़ी और घर-गृहस्थी का काम भी देखती हैं। उन्हें लोगों की तकलीफ दूर करने में बहुत अच्छा लगता है। वहीं एनआरएलएम (राष्ट्रीय आजीविका मिशन) विभाग के डीपीएम के के मुदगल का कहना है कि दोनों महिलाएं लोगों की समस्याएं निपटाने के लिए बहुत अच्छा काम कर रही हैं, इसलिए पहले इन्हें दिल्ली में और फिर केरल में सम्मानित किया जाएगा।