इस वर्ष रुपये में अब तक 8-9 प्रतिशत की गिरावट आई। अलकेमी कैपिटल मैनेजमेंट के असेट मैनेजमेंट सेगमेंट के रिसर्च हेड शेषाद्री सेन के मुताबिक रुपये में कुछ दिनों तक कमजोरी और उतार-चढ़ाव बना रह सकता है, पर उनका मानना है कि रुपए का सबसे बुरा दौर लगभग समाप्त हो चुका है।

बीते हफ्ते डॉलर में आई कमजोरी के बाद रुपया मजबूत हो रहा है। वैश्विक बेंचमार्क डॉलर का कमजोर होना दूसरी करेंसीज के लिए सकारात्मक साबित हुआ है। सोमवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 80.52 रुपये के लेवल पर खुला। इससे पहले शुक्रवार को यह 81.80 के स्तर पर बंद हुआ था। नवंबर महीने में आई तेजी से पहले रुपया पिछले कई हफ्तों से कमजोर होकर नए सर्वकालिक निम्नतम स्तर पर पहुंच गया था। बीते अक्तूबर महीने में रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर होकर इतिहास में पहली बार 83 के स्तर पर पहुंच गया था।

इस वर्ष रुपये में अब तक 8-9 प्रतिशत की गिरावट आई। अलकेमी कैपिटल मैनेजमेंट के असेट मैनेजमेंट सेगमेंट के रिसर्च हेड शेषाद्री सेन के मुताबिक रुपये में कुछ दिनों तक कमजोरी और उतार-चढ़ाव बना रह सकता है,पर उनका मानना है कि रुपए का सबसे बुरा दौर लगभग समाप्त हो चुका है। सेन के अनुसार रुपया ने बीते दिनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों की ओर से की गई मजबूत बिकवाली के कारण बहुत झंझावत झेले हैं। यूएस फेड की ओर से मॉनेटरी पॉलिसी कड़ा करने और रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का भी रुपये पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इस लड़ाई के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के भाव बढ़ गए, इसका खामियाजा भी रुपये को भुगतना पड़ा।