ग्वालियर   मध्य प्रदेश की कई नगर पालिकाओं और परिषदों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभापतियों के ऐलान हो गए है। एक के बाद एक शहर और नगर से परिणाम सामने आने लगे हैं। कई शहरों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की जीत के साथ ही जश्न के जुलूस निकलने लगे हैं। हालांकि, अब तक के आए नतीजों में कहीं सरकार के बड़े नेताओं को झटका लगा है तो कहीं इतिहास रचा है। 

ग्वालियर में 1 वोट से जीती BJP 

ग्वालियर सभापति के चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी मनोज तोमर ने जीत दर्ज की है। यहां बीजेपी ने कांग्रेस को 1 वोट से मात दी। बीजेपी के सभापति प्रत्याशी मनोज तोमर 34 वोट मिले हैं, तो वहीं के 33 वोट कांग्रेस सभापति प्रत्याशी लक्ष्मी गुर्जर को मिले हैं। जिसके बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बीजेपी के सभापति प्रत्याशी मनोज तोमर पूर्व सभापति घोषित कर दिया है। बीजेपी भले ही ग्वालियर में महापौर का पद हासिल नहीं कर पाई लेकिन सभापति के लिए कुशल रणनीति और बाड़ेबंदी का उन्हें फायदा मिल गया। यही नहीं ग्वालियर चंबल-अंचल के दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर लगातार सभापति पद को हासिल करने के लिए रणनीति बनाते रहे। कहा जा रहा है कि ग्वालियर में सिंधिया और तोमर ने अपनी लाज बचा ली। इससे पहले यहां बीजेपी नेता राकेश माहोर सभापति जबकि विवेक नारायण शेजवालकर महापौर थे। बीजेपी ने कलावती यादव को नगर निगम सभापति के लिए उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने जीत हासिल की। नगर निगम सभापति चुनाव में बीजेपी की उम्मीदवार कलावती यादव को 55 वोट मिले। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने उज्जैन नगर निगम चुनाव के समय से ही मोर्चा संभाल रखा था। महाकाल की नगरी उज्जैन की उत्तर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के कम पार्षद चुनाव जीते थे। हालांकि, दक्षिण क्षेत्र में भाजपा को अधिकतम वोट मिले और 22 पार्षदों में से 19 पार्षद भाजपा के जीते थे। भाजपा पार्षद कलावती यादव को सभापति उम्मीदवार बनाए जाने की पहल डॉ मोहन यादव ने की थी और बीजेपी ने यहां बड़े अंतर से बाजी मारी है। इससे पहले उज्जैन में बीजेपी के सोनू गहलोत सभापति थे वहीं मीना जोनवाल महापौर थीं।

तोमर के गढ़ में हारी बीजेपी

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में तो बीजेपी ने सभापति का चुनाव जीत लिया लेकिन केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के गढ़ में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र मुरैना नगर निगम में बीजेपी सभापति का चुनाव हार गई। यहां कांग्रेस के सभापति उम्मीदवार राधारमण उर्फ राजा दंडोतिया ने 6 वोटों से जीत हासिल की है। महापौर सीट हारने के बाद सभापति की सीट भी हारना केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। कांग्रेस ने सभापति के लिए वार्ड 27 से पार्षद राधारमण दंडोतिया को प्रत्याशी बनाया था और भाजपा की तरफ से वार्ड क्रमांक 33 की पार्षद भावना मंडलेश्वर उम्मीदवार घोषित हुईं थीं। यहां बीजेपी को कुल 21 वोट मिले हैं तो वहीं कांग्रेस ने 27 वोट हासिल करके महापौर सभापति की सीट पर कब्जा कर बनाया। बता दे मुरैना नगर निगम में बीजेपी के पास कुल 15 पार्षद और कांग्रेस के पास 19 पार्षद थे। साथ बीएसपी के 6, आम आदमी पार्टी का एक और चार निर्दलीय पार्षद थे। इससे पहले यहां बीजेपी नेता अनिल गोयल सभापति जबकि अशोक अर्गल महापौर थे।