खरगोन।   श्रीरामनवमी पर निकलने वाली शोभायात्रा की शुरुआत में ही शहर के तालाब चौक से शुरू हुआ पथराव व आगजनी का सिलसिला रात होने तक लगभग आधे शहर में फैल गया। इस दौरान पुलिस बल नाकाफी नजर आया और हालात बेकाबू। दंगाइयों ने खुब उत्पात मचाया। लगभग आधे शहर में अलग-अलग कई स्थानों पर पथराव, पेट्रोल बम फेंकने, आगजनी, वाहन जलाने आदि की घटनाएं हुई। इन घटनाओं में एसपी, शहर टीआइ सहित अन्य लोग घायल हुए। वहीं आगजनी पर काबू करने में लगे फायर फाइटरों पर पथराव किया गया। इसमें फायर वाहनों के कांच फूट गए। इस घटना के बाद शोभायात्रा स्थगित कर दी गई। रात में आयुक्त पवन शर्मा और आइजी राकेश गुप्ता खरगोन पहुंचे। ज्ञात हो कि श्रीरामनवमी के अवसर पर रविवार को शहर के तालाब चौक स्थित श्रीराम मंदिर से शोभायात्रा निकाला जाना था। सुबह से हुए पूजन पाठ के बाद दोपहर को शोभायात्रा के लिए झांकियां और डीजे तालाब चौक मंदिर पहुंचने लगे। वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालु शोभायात्रा की तैयारी में जुटे हुए थे। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शोभायात्रा की शुरुआत ही हो रही थी और एक- दो डीजे शुरू हुए, तभी पथराव शुरू हो गया। इस दौरान मौके पर मौजूद थाना प्रभारी बनवारी मंडलोई जैसे ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आगे बढ़े, उन पर भी पथराव किया गया और वे घायल हो गए। इसके बाद पुलिस बल ने शोभायात्रा को कुछ आगे बढ़वाया लेकिन इस दौरान गोशाला मार्ग पर पथराव शुरू हुआ और तालाब चौक पुलिस चौकी के समीप ही एक मकान में आग लगा दी गई। पुलिस पथराव करने वालों को खदेड़ने वहां पहुंची तो फिर पुलिस पर पथराव हुआ। इसमें में एक युवक सहित एक पुलिस कर्मी घायल हुआ।

एक जगह पहुंचती पुलिस तो दूसरी जगह होता पथराव

इसके बाद गोशाला मार्ग पर पथराव करते हुए दंगाइयों ने शीतला माता मंदिर में तोड़फोड़ की। इसके बाद धीरे-धीरे काजीपुरा, कुम्हारवाड़ा, गणगौर माता चौक, गुरवा दरवाजा, संजय नगर, टावर क्षेत्र आदि जगह पर पथराव, पेट्रोल बम फेंकने, वाहन जलाने आदि की घटनाएं हुई। पुलिस व प्रशासन स्थिति पर काबू पाते इतनी देर में शहर के सराफा बाजार, भावसार मोहल्ला आदि क्षेत्रों में भी पथराव व आगजनी की घटनाएं हुई।

सात फायर फाइटर ने लगाए कई फेरे

लगातार होती आगजनी की घटनाओं को काबू पाने में स्थानीय नगर पालिका के चार फायर फाइटर कम पड़ने लगे। इस पर सनावद व मंडलेश्वर से तीन फायर वाहन बुलाए गए। फायर वाहनों पर भी पथराव हुआ। जानकारी अनुसार रात करीब नौ बजे तक 50 से अधिक फायर वाहनों में पानी भरकर आग पर काबू पाने के लिए भेजा गया। वहीं पड़ोसी जिलों से पुलिस बल भी बुलाया गया।

अधिकारी रहे तैनात :

घटना की सूचना पर एसपी सिद्धार्थ चौधरी, शहर एएसपी नीरज चौरसिया दल-बल के साथ मौजूद रहे। देर शाम को दंगाइयों को नियंत्रित करने के दौरान एसपी चौधरी भी घायल हो गए। बताया गया कि एसपी को पैर में पत्थर लगा, वहीं एसपी को गोली लगने की खूब चर्चा फैली, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। इस दौरान डीआइजी तिलक सिंह, कलेक्टर अनुग्रहा पी, अपर कलेक्टर एसएस मुजाल्दे, एसडीएम मिलिंद ढोके, सीएमओ प्रियंका पटेल आदि मौजूद रहे। उधर शहर कांग्रेस अध्यक्ष पूर्णा ठाकुर ने मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर शहर एएसपी को हटाने की मांग की। पूरे शहर में लगाया कर्फ्यू हालात बिगड़ते देख जिला प्रशासन ने पहले प्रभावित क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाने की घोषणा की। लेकिन बाद में घटनाएं बढ़ने पर पूरे शहर में कर्फ्यू लगाया गया। अपर कलेक्टर एसएस मुजाल्दे ने बताया कि पूरे शहर में कर्फ्यू लगाया गया है। लोगों से शांति बनाए रखने और घर में रहने की अपील की गई है।

ये हुए घायल

घायलों में शिवम पुरुषोत्तम, भवानी लालसिंह, नंदिनी रमेश, कैलाशचंद्र बंशीलाल, अमित प्रेम नारायण, शोएब अनवर, शाहिद अयूब, गोविंद रघुनाथ, नरेंद्र संतोष, प्रशांत सिंगर, पवन बाबूलाल, एएसआइ विजय शंभू, उमर अली शौकत अली, बिट्टू शोभाराम, गजानंद रतन, देवदास शंकर और विजेंद्र जयप्रकाश शामिल है। 16 वर्षीय शिवम पुत्र पुरुषोत्तम को सिर में गंभीर चोट होने से रेफर किया गया है। शेष जिला अस्पताल में भर्ती हैं।