आयोग ने की अनुशंसा

भिण्ड   मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एक प्रसूता की मौत के मामले में मृतिका के वैध वारिस को चार लाख रूपये एक माह में अदा करने की अनुशंसा राज्य शासन को की है। मामला भिण्ड जिले का है। आयोग के प्रकरण क्रमांक/0661/भिण्ड/2019 के अनुसार 27 जनवरी 2019 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रौन, जिला भिण्ड के चिकित्सकों एवं स्टाफ नर्स की उपेक्षा एवं  घोर लापरवाही की वजह से उपचार के दौरान प्रसव प्रक्रिया के पश्चात् अत्यधिक रक्त बहने से प्रसूता श्रीमती अंजली पत्नी मनोज तिवारी की असामयिक मृत्यु हो गई थी। इस मामले में  निरंतर सुनवाई उपरांत आयोग ने अनुशंसा की है कि मृतिका के वैध वारिस बालक रूद्र प्रताप (3 वर्ष) निवासी ग्राम मछंद, जिला भिंड को चार लाख रूपये क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान अगले एक माह में किया जाये। यह राशि मृतिका के वैध वारिस पुत्र के अवयस्क होने से किसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीयकृत बैंक में मासिक अंतराल पर देय ब्याज की स्कीम में जमा कराई जाये, जिससे उसके भरण-पोषण के लिए ब्याज की राशि उसके अभिभावक (दादा) श्री मुलू तिवारी को प्राप्त होती रहेगी। बालक रुद्र प्रताप बालिग होने पर एफडीआर की राशि प्राप्त करने का अधिकारी होगा और यदि उसके वयस्क होने के पूर्व एफडीआर की मूल धनराशि से शिक्षा व चिकित्सा के लिए किसी खर्च की आवश्यकता है, तो बालक के अभिभावक को इस संबंध में आयोग की अनुमति प्राप्त कर भुगतान किया जा सकेगा। आयोग द्वारा यह भी निर्देश दिये गये है कि प्रसव संबंधित प्रकरणों में प्रोटोकॉल के अनुसार प्री- मार्टम, पोस्टमार्टम, केसशीट व अन्य जानकारियों को सामयिक रूप से भरे जाने व प्रोटोकॉल के अनुसार संबंधित चिकित्सक द्वारा उसके शीघ्र सामयिक अध्ययन के निर्देशों का कढ़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाये।