भोपाल ।   उच्च शिक्षा विभाग ने 15 अक्टूबर तक यूजी प्रथम वर्ष का परिणाम जारी करने के निर्देश दिए थे। अब तक प्रदेश में केवल बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) ने परिणाम जारी किए हैं, लेकिन अन्य विश्वविद्यालयों ने परिणाम जारी नहीं किया है। विभाग ने विद्यार्थियों को प्रमोट करने की समय सीमा 31 अक्टूबर तय की है। यूजी प्रथम और द्वितीय वर्ष के साथ पीजी द्वितीय सेमेस्टर के आठ लाख विद्यार्थियों को इस सत्र में अगली कक्षा में प्रमोट करने के आदेश दिए गए थे। इसमें से अब भी डेढ़ लाख विद्यार्थी प्रमोट नहीं हो सके हैं। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय ने द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं लेकर रिजल्ट जारी कर दिए हैं। विश्वविद्यालयों को प्रथम वर्ष के परिणाम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर जारी करने में परेशानी हुई है। विभाग ने प्रथम वर्ष के परिणाम को देखते हुए 31 अक्टूबर तक के लिए समय बढ़ा दिया है। विभाग तीन बार तिथि बढ़ा चुका है, लेकिन अब भी डेढ़ लाख विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह अंतिम मौका है। इसके बाद अंतिम तिथि में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की जाएगी।

साढ़े सात लाख विद्यार्थी हुए हैं प्रमोट

विभाग को प्रदेश में साढ़े आठ लाख विद्यार्थियों को प्रमोट करना है, जिससे अभी तक करीब सात लाख ही विद्यार्थी प्रमोट हो सके हैं। शेष विद्यार्थियों को 31अक्टूबर तक प्रमोट होने की प्रक्रिया पूर्ण करना होगी, नहीं तो वे अगले सत्र की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेंगे।

समझ नहीं आई मार्किंग स्कीम

पिछले सत्र से यूजी प्रथम वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परीक्षा नीति के तहत परीक्षा ली गई और इसी के तहत मार्किंग स्कीम बनाई गई। विश्वविद्यालयों को इस स्कीम में अंक देने का तरीका समझ नहीं आया, इसके बाद सितंबर में विभाग को मार्किंग स्कीम की प्रक्रिया जारी करनी पड़ी। इसके बाद परिणाम बनना शुरू हुआ है। विश्वविद्यालयों का कहना है कि इस कारण देरी हुई है।

500 रुपये फीस देना होगा

यूजी प्रथम और द्वितीय वर्ष और पीजी में द्वितीय सेमेस्टर उत्तीर्ण विद्यार्थियों को प्रमोट करने के लिए एक महीने के लिए विभाग ने लिंक खोला है। इसमें विद्यार्थियों को 500 रुपये का शुल्क जमा करना होगा। विभाग विद्यार्थियों को प्रमोट होने के लिए सिर्फ एक माह का समय दिया जाएगा।

इनका कहना है

करीब एक लाख से अधिक विद्यार्थी अब तक प्रमोट नहीं हो पाए हैं। इस कारण हम अंतिम तिथि तक इंतजार करेंगे, यदि इसके बाद भी नहीं होता है तो तारीख बढ़ाने पर भी विचार करेंगे।

धीरेन्द्र शुक्ला, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, उच्च शिक्षा विभाग