भोपाल ।  मध्‍य प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में प्रबंधकीय कार्यों के लिए पहली बार अस्पताल प्रबंधक नियुक्त किए जा रहे हैं। इनकी भर्ती मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) से की जा रही है। अगले माह इनके नियुक्ति आदेश जारी हो सकते हैं। ये अस्पताल में सफाई, सुरक्षा, बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान, हेल्प डेस्क, भीड़ का प्रबंधन जैसे काम देखेंगे। इससे व्यवस्थाओं में सुधार होगा। अभी यह जिम्मेेदारी अस्पताल अधीक्षक की होती है, जबकि वह इसके विशेषज्ञ नहीं होते। चिकित्सकोें द्वारा लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि सफाई, सुरक्षा देखने का काम डाक्टर का नहीं है। कई बार अध‍िकारियों के निरीक्षण में इसके लिए अस्पताल अधीक्षक पर कार्रवाई की जाती है जो गलत है। इस कारण पिछले तीन साल से अस्पताल प्रबंधक नियुक्ति करने के प्रयास चल रहे थे। अस्पताल प्रबंधन में डिग्री या डिप्लोमा प्रमाण पत्र वाले उम्मीदवारों को इस पद पर पदस्थ किया जाएगा।

गुणवत्ता प्रबंधक भी पदस्थ होंगे

अस्पताल प्रबंधकों के साथ हर जिले में एक गुणवत्ता प्रबंधक भी पदस्थ किया जा रहा है। इसी साल 14 जिलों में इनकी नियुक्ति हो चुकी है। बाकी जिलों में अगले माह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इनकी जिम्मेदारी, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक की व्यवस्थाएं देखने की रहेगी। इन पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी अस्पतालों को कायाकल्प पुरस्कार और नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) के लिए तैयार करना है। दोनों मूल्यांकन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कराए जाते हैं। कायाकल्प पुरस्कार में अस्पताल का संपूर्ण मापदंडों के तहत मूल्यांकन किया जाता है। इसमें सफाई, सुरक्षा, संक्रमण रोकथाम, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं और आसपास का वातावरण शामिल है। वहीं, एनक्यूएएस में अस्पताल को 18 अलग-अलग विभागों में बांटकर मूल्यांकन किया जाता है। 70 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने पर अस्पताल को प्रति बिस्तर 10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि तीन साल तक दी जाती है। गुणवत्‍ता प्रबंधकों की नियुक्ति संविदा आधार पर की जाएगी।