मुंबई । महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के चीफ राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने एकनाथ शिंदे सरकार के पहले ही फैसले पर सवाल उठाया है। साथ ही अमित ठाकरे ने शिंदे सरकार से इस कदम पर पुनर्विचार करने की भी अपील की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि नई सरकार का नया फैसला मेरे और असंख्य पर्यावरण कार्यकर्ताओं, पर्यावरण प्रेमियों के लिए चौंकाने वाला है। राज्य के युवाओं ने पहले इस कदम के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया था। कुछ को जेल भी भेजा गया था। मनसे की छात्र शाखा के अध्यक्ष अमित ठाकरे ने आगे कहा कि विकास समय की जरूरत है लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं। उन्होंने कहा कि हमें निश्चित रूप से विकास की आवश्यकता है, लेकिन पर्यावरण की कीमत पर नहीं। अगर हमारा पर्यावरण पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा तो फिर राजनीति या शासन करने के लिए कोई नहीं बचेगा। राजनेताओं को इस पर ध्यान देना चाहिए। जूनियर ठाकरे ने कहा कि मैं नए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से आरे मेट्रो कार शेड से संबंधित अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करता हूं।
बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाते ही एकनाथ शिंदे की सरकार ने आदेश जारी किया है कि मेट्रो शेड आरे कॉलोनी में शिफ्ट होगी। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार के आते ही मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट चर्चा में आ गया है। यह वही प्रोजेक्ट है, जिसे लेकर शिवसेना और बीजेपी आमने सामने रही है। दरअसल, महाराष्ट्र के नए डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पद संभालते ही मेट्रो कार शेड को आरे कॉलोनी में ट्रांसफर करने के लिए निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने सरकार की कानूनी टीम से कोर्ट को सूचित करने के लिए कहा कि अब मेट्रो कार शेड को आरे कॉलोनी में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इससे पहले जब उद्धव ठाकरे सीएम बने थे, तो उन्होंने मेट्रो कार शेड पर रोक लगा दी थी। इसके बाद उन्होंने इस प्रोजेक्ट को कांजुरमार्ग पर शिफ्ट कर दिया था। उन्होंने इस प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे लोगों पर दर्ज केस वापस ले लिए थे।
दरअसल, मुंबई मेट्रो 33.5 किलोमीटर लंबे कोलाबा-बांद्रा सीपज अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन के लिए एमएमआडीए एक मेट्रो कार शेड बना रही है। ये मेट्रो प्रोजेक्ट शिवसेना और बीजेपी के लिए लंबे वक्त से विवाद की वजह बन गई है। यह मेट्रो शेड पहले आरे कॉलोनी में बन रहा था। शिवसेना 2015 से इस प्रोजेक्ट को आरे कॉलोनी से हटाकर दूसरे स्थान पर ले जाने की मांग कर रहा थी।  इस प्रोजेक्ट के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई थीं।  हालांकि, पेड़ों की कटाई रोकने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद मेट्रो कॉर्पोरेशन ने यहां पेड़ों की कटाई शुरू कर दी थी। बीएमसी ने मेट्रो अधिकारियों को 2,700 पेड़ गिरने की अनुमति दी थी।
मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का कहना था कि केवल छोटे से हिस्से से ही पेड़ों की कटाई की जाएगी. यह मुंबई के रहने वाले लोगों को आधुनिक परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है। आरे मुंबई शहर के अंदर बसा एक ग्रीन लैंड है। यहां पर लगभग 5 लाख पेड़ हैं और यहां जानवरों और पक्षियों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। इस स्थान की हरियाली की वजह से इसे 'ग्रीन लंग ऑफ मुंबई' कहते हैं। शिवसेना का कहना है कि यहां मेट्रो कार शेड बनने से पेड़ काटे जाएंगे। वहीं, बीजेपी अब तक मानती है कि आरे ही एक मात्र वो जगह है जहां निर्धारित लागत और तय समय के अंदर मेट्रो शेड का निर्माण किया जा सकता है।