नई दिल्ली । प्राकृतिक आपदाओं ने, खास तौर पर बाढ़ और चक्रवाती तूफानों ने 2022 में भारत में करीब 25 लाख लोगों को आंतरिक रूप से विस्थापित होने पर मजबूर किया। एक रिपोर्ट में यह बात कही। रिपोर्ट के अनुसार, सभी देशों में बाढ़ की वजह से विस्थापन हुआ, लेकिन पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। सर्वाधिक पलायन जून और सितंबर के बीच दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान हुआ। पिछले साल, भारत और बांग्लादेश में मानसून के मौसम की औपचारिक शुरुआत से पहले ही तेज बारिश और बाढ़ की घटनाएं देखी गईं। असम में मई में बाढ़ का प्रकोप देखा गया और जून में भी इसी क्षेत्र में बाढ़ हुई।
भारत में मई में हुई मूसलाधार बारिश से नदियां उफान पर बह रहीं थीं और बांग्लादेश में बाढ़ आने से करीब 5,500 लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा। चक्रवाती तूफानों की वजह से पिछले साल पूरे दक्षिण एशिया में करीब 11 लाख लोगों को आंतरिक रूप से विस्थापित होना पड़ा। बांग्लादेश, भारत, नेपाल और पाकिस्तान में आई आपदाओं की रिपोर्ट केवल मध्यम से बड़े स्तर की घटनाओं के लिए तैयार की जाती हैं। इसका आशय हुआ कि छोटी-मोटी आपदाओं को इसमें शामिल नहीं किया जाता जो मिलकर विस्थापन के आंकड़े को बढ़ा सकती हैं।
आईआईटी गांधीनगर के रिसर्चर ने पिछले साल एक रिपोर्ट में कहा था कि जलवायु परिवर्तन के कारण बाढ़ और लू जैसे मौसम संबंधी आपदाओं की आवृत्ति भविष्य में कई गुना बढ़ सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से जारी भारत की जलवायु पर वार्षिक वक्तव्य-2022 के अनुसार 2022 में अत्यधिक बारिश या गर्मी जैसे मौसम के घटनाक्रम के कारण 2,227 लोगों के हताहत होने के मामले दर्ज किए गए। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2021 में यह संख्या 1,750 और 2020 में 1,338 रही थी।