उज्जैन     भगवान श्री महाकालेश्वर कार्तिक व अगहन मास में भी भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इसमें कार्तिक मास की तीसरी सवारी आज निकलेगी। संध्या चार बजे पूजन-अर्चन के बाद सवारी नगर भ्रमण करते हुए शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां से पूजन के बाद पारंपरिक मार्ग से वापस मंदिर आएगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर से श्रावण मास के बाद कार्तिक-अगहन मास में भी भगवान महाकालेश्वर नगर भ्रमण पर निकलते हैं। राजा महाकाल चांदी की पालकी में सवार होकर प्रजा का हाल जानने निकलते हैं। इसी क्रम में कार्तिक-अगहन मास में भी प्रति सोमवार को मंदिर के आंगन से भगवान महाकाल की चार सवारी निकलती है। इस बार कार्तिक मास में तीसरी सवारी 14 नवंबर को निकलेगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामडंप में भगवान महाकाल के मुघौटे का पूजन किया जाएगा। इसके बाद सवारी नगर भ्रमण के लिए रवाना होगी। बाबा महाकाल की सवारी मंदिर से प्रारंभ होकर गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होकर रामघाट पहुंचेगी। यहां पर भगवान का पूजन अभिषेक के बाद रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होकर शाम को करीब साढ़े छह बजे संध्या आरती के पहले वापस मंदिर लौटेगी।

21 नवंबर को निकलेगी शाही सवारी

भगवान महाकाल की चौथी सवारी 21 नवंबर को मंदिर से निकलेगी। यह सवारी शाही सवारी रहेगी। बाबा महाकाल शाही अंदाज में नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस सवारी का मार्ग भी बड़ा रहेगा। सवारी मंदिर से शाम चार बजे प्रारंभ होकर गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होकर रामघाट पहुंचेगी। यहां पर भगवान का पूजन अभिषेक के बाद रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, ढाबा रोड, मिर्जा नईम बेग मार्ग, तेलीवाड़ा, कंठाल चौराहा, सतीगेट, सराफा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होकर रात्रि में शयन आरती के पूर्व मंदिर पहुंचेगी।