खरगोन   खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा के बाद अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता कपिल मिश्रा का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । इस वीडियो में कपिल मिश्रा भड़काऊ भाषण देते नजर आ रहे हैं।  इस वीडियो को ट्विटर पर भी खूब शेयर किया जा रहा है।  जिसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी इसे रिट्वीट करते हुए सवाल खड़े किए की क्या खरगोन प्रशासन व पुलिस ने यह भाषण नहीं सुना? क्या इस प्रकार का भाषण जनता को धर्म के आधार पर भड़काने वाला नहीं है? यह खरगोन में एक स्थान का भाषण है और कहां-कहां कपिल मिश्रा जी के भाषण हुए? क्या खरगोन प्रशासन व पुलिस को इसकी जानकारी नहीं थी? खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा के बाद जहां एक और सरकार और प्रशासन सख्ती से पत्थरबाजों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चला रहा है। लेकिन अब यह वीडियो वायरल होने के बाद इस मुद्दे पर और हंगामा मच सकता है। बता दें कि खुद कपिल मिश्रा ने अपने ट्विटर पर यह जानकारी शेयर की थी कि वह रामनवमी के दिन वहां मौजूद थे। 

क्या है वायरल वीडियो में...

वायरल वीडियो में बीजेपी के वरिष्ठ नेता कपिल मिश्रा रामनवमी के दौरान लोगों से यह कहते नजर आ रहे हैं कि, हमारी और कोई पहचान नहीं होनी चाहिए। अगर हमारी हिंदू के अलावा कोई पहचान की बात करता है जात-पात की बात करता है। यह समझ लेना कि वह तुम्हारी कश्मीर फाइल बनाने की तैयारी कर रहा है। वह हमारे बीच में फूट डाल रहा है। आज कश्मीर फाइल देख लो और समझ लो , नहीं तो कल दिल्ली फाइल, बंगाल फाइल, भोपाल फाइल, इंदौर फाइल, खरगोन फाइल देखने की जरूरत पड़ जाएगी। जो कश्मीर में हुआ वह हमारे इलाके में ना हो यह समझना जरूरी है। कश्मीर में कुछ लोगों ने जामिया मस्जिद के अंदर बुरहान वानी की आजादी का नारा लगाया..आजादी मांगी। मूसा आतंकवादी के नाम की आजादी मांगी। मैं आज खरगोन की धरती से उन्हें कहना चाहता हूं कि जिस घर से बुरहान निकलेगा उस घर में घुस के मारेंगे। 

दिग्विजय सिंह ने सरकार को घेरा

वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी इस वीडियो को ट्विटर पर री ट्वीट करते हुए खरगोन जिला प्रशासन सहित सरकार से तीखे सवाल दागे हैं। इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने पत्थरबाजों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई पर भी निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट डाल कर शिवराज सरकार को घेरते  हुए लिखा कि क्या ख़रगोन प्रशासन ने लाठी तलवार जैसे हथियारों को ले कर जुलूस निकालने की इजाज़त दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके चाहे जिस वो जिस भी धर्म के हों सभी के घर पर बुलडोज़र चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष हो कर सरकार चलाने की शपथ ली है। भारतीय संविधान में हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। धर्म देख कर शिवराज जी कार्रवाई करना असंवैधानिक है।  दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मैं मूल रूप से बिना नोटिस बिना किसी को सुनें कार्रवाई के खिलाफ हूँ। क्या भारत के किसी क़ानून या नियम में इस बुलडोज़र संस्कृति का प्रावधान है? यदि आपको ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से बुलडोज़र चलाना ही है तो उसमें धर्म के आधार पर पक्षपात तो ना करें।'