कर्नाटक हाई कोर्ट  की पूर्ण पीठ आज सुबह साढ़े दस बजे हिजाब मामले में अपना फैसला सुनाएगी। उडुपी के एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छात्राओं के एक समूह की कक्षाओं में उन्हें हिजाब पहनने देने की मांग से तब एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था, जब कुछ हिंदू विद्यार्थी भगवा शॉल पहनकर पहुंच गए। यह मुद्दा राज्य के अन्य हिस्सों में फैल गया, जबकि सरकार वर्दी संबंधी नियम पर अड़ी रही। फैसले से पहले बेंगलुरु में 21 मार्च तक सार्वजनिक स्थानों पर सभी प्रकार की सभा, आंदोलन, विरोध या समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया गया है ।हिजाब मामले से जुड़े मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया गया है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित एवं न्यायमूर्ति जे एम काजी की पूर्ण पीठ उडुपी की लड़कियों की याचिका पर गठित की गई है। इन लड़कियों ने अनुरोध किया था कि उन्हें कक्षाओं में स्कूली वर्दी के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि यह उनकी धार्मिक आस्था का हिस्सा है।

एक जनवरी को उडुपी के एक महाविद्यालय की छह लड़कियों ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लिया था। इसका आयोजन कॉलेज प्रशासन द्वारा इन लड़कियों को हिजाब में कक्षाओं में जाने से रोके जाने के विरुद्ध किया गया था। इस मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला आने से पहले शिवमोग्गा के डीसी आर सेल्वामणि ने जिले में मंगलवार को स्कूल और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की। उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिले में सीआरपीसी (निषेधात्मक) आदेश की धारा 144 लागू कर दी है। यह आदेश मंगलवार सुबह 6 बजे से 21 मार्च रात 10 बजे तक लागू रहेगा। शिवमोग्गा में 15 मार्च को सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे।