भोपाल । मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में रुक–रुककर वर्षा होने का सिलसिला जारी है। पांच मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में मानसून सक्रिय हुआ है। लंबे अरसे बाद शुक्रवार को राजधानी पर मानसून मेहरबान हुआ और शहर को जमकर भिगोया। दोपहर में भोपाल शहर में दो घंटे में 80.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। उधर सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रायसेन में नौ, सतना में दो, धार में दो, नर्मदापुरम में एक, गुना में 0.9, सागर में 0.8 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अलग-अलग जिलों में बौछारों का यह सिलसिला अभी बना रहेगा। शनिवार-रविवार को जबलपुर, शहडोल, ग्वालियर, सागर संभागों के जिलों में वर्षा होने की संभावना है। भोपाल, उज्जैन संभागों के जिलों में कहीं–कहीं बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पांच जुलाई से प्रदेश में झमाझम का दौर शुरू हो सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, वर्तमान में पूर्वी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। इस चक्रवात से लेकर पश्चिम–मध्य अरब सागर तक एक द्रोणिका बनी हुई है। अरब सागर में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। पूर्व-पश्चिम द्रोणिका लाइन पश्चिमोत्तर राजस्थान से लेकर दक्षिणी उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होते हुए पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। दक्षिणी गुजरात से दक्षिणी महाराष्ट्र तट के समानांतर अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। चार जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने के संकेत मिले हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी एचएस पांडे के अनुसार, वर्तमान में अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आ रही है। इस वजह से प्रदेश के विभिन्न जिलों में वर्षा हो रही है। बंगाल की खाड़ी में भी मानसूनी हलचल तेज हुई है। इसका असर पांच जुलाई से पूर्वी मप्र में एवं सात जुलाई से पश्चिमी मप्र में झमाझम वर्षा का सिलसिला शुरू होने की संभावना है। शनिवार को सीधी, सिंगरौली, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, विदिशा, राजगढ़, बैतूल, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, रतलाम, देवास, उज्जैन, शाजापुर, मंदसौर एवं नीमच जिलों में वर्षा होने के आसार हैं।