एक तरफ भारत अपने डिफेंस बजट को लगातार बढ़ा रहा है। दूसरी तरफ उसका फोकस डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने की भी है। मोदी सरकार भारत के डिफेंस इंपोर्ट को घटाने और एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। इस बीच रक्षा मंत्री ने लोकसभा में कहा कि पिछले आठ सालों में भारत के हथियार निर्यात में 6 गुना उछाल आया है। चालू वित्त वर्ष में भारत ने अब तक 11607 करोड़ रुपए के हथियार का निर्यात किया है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 में भारत ने 1941 करोड़ के हथियार का निर्यात किया था जो वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक 11607 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।

सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 तक देश के डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाकर 36500 करोड़ रुपए करने का लक्ष्य रखा है। भट्ट ने कहा कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड और इसके 41 फैक्ट्री को सरकार ने सात डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स में कॉर्पोरेटाइजेशन किया है जिसका बहुत लाभ मिलेगा।जनवरी 2022 में भारत ने फिलिपीन्स के साथ 375 मिलियन डॉलर यानी 2770 करोड़ रुपए की डिफेंस डील की है। इस डील के तहत भारत फिलिपीन्स को ब्रह्मोस मिसाइल का निर्यात करेगा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, फिलिपीन्स के साथ करार के बाद वियतनाम, इंडोनेशिया जैसे देशों ने भी भारत के साथ इस तरह की डिफेंस डील करने में दिलचस्पी दिखाई है। संभव है कि आने वाले दिनों में भारत इन देशों को बड़े पैमाने पर हथियार निर्यात करे।

पिछले कुछ सालों में भारत के हथियार आयात पर गौर करें तो रूस की हिस्सेदारी में भारी गिरावट आई है। भारत में हथियारों के आयात में रूस की हिस्सेदारी 2012-17 के 69 फीसदी से घटकर 2017-21 में 46 फीसदी रह गई। सिपरी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2012-16 और 2017-21 के बीच भारत में हथियारों के आयात में 21 फीसदी की कमी आई। इसके बावजूद, भारत 2017-21 में प्रमुख हथियारों का दुनिया में सबसे बड़ा आयातक रहा और इस अवधि में विश्व में हथियारों के कुल आयात में भारत की हिस्सेदारी 11 फीसदी रही।’