आचार्य चाणक्य को भारत के महान विद्वानों और ज्ञानियों में से एक माना गया है इनकी नीतियां आज पूरे विश्व में विख्यात है चाणक्य ने अपनी नीतियों के द्वारा मनुष्य को सही मार्ग दिखाने का काम किया है आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र ग्रंथ में पिरोया है जिसे आज चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है चाणक्य की इन नीतियों का अनुसरण जो भी व्यक्ति करता है उसका जीवन सरल और सहज हो जाता है

चाणक्य नीति अनुसार परिवार को एक डोर से बांधने का काम घर का मुखिया करता है इसलिए घर के मुखिया की परिवार में अहम भूमिका होती है घर के मुखिया के पद को विशेष बताया गया है क्योंकि मुखिया का एक फैसला पूरे परिवार का भविष्य बना सकता है और बिगाड़ सकता है चाणक्य नीति अनुसार मुखिया में अगर कुछ आदतें हो तो उसका पूरा परिवार सुखी जीवन जी सकता है और परिवार का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि चाणक्य ने अपनी नीतियों में मुखिया में किन आदतों का होना जरूरी बताया है तो आइए जानते है।

चाणक्य नीति अनुसार घर के मुखिया की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है ऐसे में उस पर सभी विश्वास करते हैं मुखिया को कान का कच्चा नहीं होना चाहिए किसी भी छोटे बड़े विषयों के हर पहलू पर गौर करने के बाद ही विचार बनाना बेहतर होगा। घर के मुखिया को अपने विवेक और समझदारी से काम करना चाहिए तो उसके परिवार का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है। घर के मुखिया को धन का व्यवस्थित तरीके से प्रयोग करना चाहिए बेवजह खर्चों पर लगाम लगाकर रखना बेहतर होगा। ऐसा करने से परिवार एकजुट रहता है

संकट के समय में भी परिवार की खुशियां बनी रहती है। चाणक्य कहते हैं कि घर का मुखियां पंक्ति में खड़े पहले व्यक्ति तरह होता है जो जैसा खड़ा होता है कतार में बाकी लोग भी वैसे ही खड़े रहते हैं यानी की मुखिया को हमेशा ही अच्छे काम करने की भावना और सोच समझकर ​लिए निर्णय पर डटे रहने की आदत रखनी चहिए ये आदते पूरे परिवार का भविष्य सुधार देती है परिवार के सभी सदस्यों पर अनुशासन बनाए रखने के लिए मुखिया को अपने फैसलों पर अडिग रहना चाहिए तभी वह परिवार में सुख शांति दोनों को कायम रख सकता है।