लखनऊ ।  अखिलेश यादव ने कहा कि वह भी यही चाहते थे ‎कि मायावती प्रधानमंत्री बनें और इसी‎लिए पिछली बार के आम चुनाव में उनकी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। मायावती की प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा के बारे में इफ्तार पार्टी के बाद यहां पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा, मैं भी यही चाहता था। पिछली बार 2019 के लोकसभा चुनावों में गठबंधन बसपा के साथ इसी के लिए बनाया था। उन्होंने कहा ‎कि अगर बहुजन समाज के लोगों के साथ गठबंधन जारी रहता है, तो बसपा और डॉ भीम राव अंबेडकर के सिद्धांतों का पालन करने वाले देखते कि देश का प्रधानमंत्री कौन बनता। इससे पहले मायावती ने कहा था, मैं आने वाले दिनों में सिर्फ उप्र का मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री बनने का सपना देख सकती हूं लेकिन राष्ट्रपति बनने का सपना कभी नहीं देख सकती। राज्य में चलाए जा रहे बुल्डोजर के बारे में यादव ने आरोप लगाया कि जाति और धर्म को देखते हुए कार्रवाई की जा रही हैं। अगर वे भाजपा के लोगों के घर और मकान को गिराते हैं, तो वे मुआवजा देंगे। गोरखपुर में 700 मीटर में दुकानों को तोड़ा गया और उसके बाद मुआवजा दिया गया। सुनने में आ रहा हैं कि 100-150 करोड़ रुपए नहीं बल्कि 200 करोड़ मुआवजा उठाया गया। उन्होंने कहा ‎कि अगर सरकार मुख्यमंत्री जी को मुआवजा दे सकती हैं तो जो गरीबों को मुआवजा क्यों नहीं मिल सकता?