ग्वालियर   ग्वालियर चंबल संभाग में प्रशासन का एक अनोखा ऑफर चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके मुताबिक अगर कोई भी व्यक्ति तालाब खुदवाने में मदद करेगा या खोदेगा, उसे बंदूक का लाइसेंस मिलेगा। प्रशासन यह कवायद इसलिए कर रहा है क्योंकि उसे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ग्वालियर जिले में 100 तालाब खुदवाने हैं।


सरोवरों की खुदाई का है टारगेट

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रदेशभर में सरोवरों का निर्माण होना है। इसमें ग्वालियर के खाते में 100 तालाब हैं। अगले एक साल में इसे पूरा भी करना है। इस लक्ष्य को तेजी से पूरा करने के लिए जिला प्रशासन ने यह ऑफर दिया है। इसके तहत तालाब की खुदाई कराने वाले को हथियार लाइसेंस दिया जाएगा। इसके लिए लोगों को आज और कल की समयसीमा तय की है। अमृत महोत्सव में मध्य प्रदेश में पांच हजार 352 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जाएगा। यह कार्य आगामी एक वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के 51 जिलों में बनाये जाने वाले इन अमृत सरोवर के निर्माण का शुभारंभ हाल ही में राज्य स्तरीय जलाभिषेक अभियान में किया। 

कांग्रेस ने साधा निशाना

वहीं कांग्रेस ने कलेक्टर के इस फैसले को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस का कहना है कि ग्वालियर-चंबल अंचल में हथियारों की संख्या ज्यादा होने के चलते लगातार घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा खुलेआम लाइसेंस का ऑफर दिया जाना लोगों की जान जोखिम में डालना है। गौरतलब है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में हथियारों का शौक सबसे ज्यादा है। यही वजह है कि ग्वालियर जिला प्रदेश में हथियार लाइसेंसों की संख्या में सबसे अव्वल है। जिले में हथियार लाइसेंस की संख्या 34 हजार पार हो चुकी है जो सर्वाधिक है। इससे पहले तत्कालीन ग्वालियर कलेक्टरों द्वारा जिले में 11 पौधे लगाने पर ,दस ट्री-गार्ड का विकल्प भी लाइसेंस के लिए रखा गया था।