सरकार ने LIC IPO के लिए बाजार नियामक सेबी में अर्जी दे दी है। इतिहास का सबसे बड़ा IPO मार्च तक आएगा। सेबी में दी अर्जी के मुताबिक सरकार 31 करोड़ इक्विटी शेयर के जरिए अपनी 5% हिस्सेदारी बेचेगी। इस समय सरकार की LIC में 100% हिस्सेदारी है। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने ट्वीट करके बताया कि LIC के IPO के लिए DRHP (ड्राफ्ट रेड हेयरिंग प्रॉस्पेक्टस) दाखिल कर दिया है। DRHP वो ड्राफ्ट पेपर होता है, जो IPO लाने से पहले कंपनी की तरफ से सेबी में दिया जाता है। इसमें कंपनी की पूरी डीटेल के अलावा बताया जाता है कि IPO के जरिए वह कितनी हिस्सेदारी या शेयर बेचेगी और कंपनी IPO से जुटाई जाने वाली रकम का इस्तेमाल कहां करेगी।

LIC के IPO में 10% हिस्सा पॉलिसीधारकों के लिए रिजर्व होगा।  आम निवेशकों को IPO में शेयर के भाव में 5% का डिस्काउंट मिल सकता है। इसी तरह एंकर निवेशकों के लिए भी IPO में हिस्सा रिजर्व रखा गया है। LIC की कुल 29 करोड़ पॉलिसीज हैं। हालांकि, इसमें कुछ लोगों के पास 2 या 3 या फिर से इससे ज्यादा पॉलिसीज भी हो सकती हैं। ऐसे में अनुमान है कुल पॉलिसीधारकों की संख्या 20-25 करोड़ के बीच है।  सरकार LIC के विनिवेश या शेयर बिक्री से अपने वित्तीय लक्ष्य हासिल करना चाहती है। सरकार का पहले विनिवेश लक्ष्य 1.75 करोड़ रुपए था, लेकिन हालिया बजट में इसे घटाकर 78,000 करोड़ रुपए कर दिया गया। अभी तक सरकार को विनिवेश से 12,000 करोड़ रुपए ही मिले हैं। वित्त वर्ष खत्म होने में करीब डेढ़ महीने बाकी हैं।