फीफा विश्व कप 2022 में फुटबॉल के बेहतरीन मैच देखने को मिल रहे हैं। इस बीच रूस में एक फुटबॉल मैच के दौरान ऐसा नजारा दिखा, जिसे कोई भी फुटबॉल फैन नहीं देखना चाहेगा। दो टीमों के खिलाड़ी मैच के दौरान आपस में भिड़ गए और एक दूसरे पर जमकर लात-घूंसे चलाए। मैच रेफरी और अन्य अधिकारियों ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन सारे प्रयास असफल रहे। अंत में छह खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिखाया गया और मैदान से बाहर कर दिया गया। जेनित और स्पार्टक के बीच यह मुकाबला पेनाल्टी शूटआउट तक पहुंचा और यहां जेनित की टीम ने 4-2 के अंतर से जीत हासिल की।

रूस कप के इस मुकाबले में दोनों टीमें पूरे मैच में गोल नहीं कर पाई थीं। ऐसे में इंजरी टाइम में दोनों टीमों के खिलाड़ी गोल करने की कोशिश कर रहे थे। इंजरी टाइम के दौरान मैच के 90वें मिनट में स्पार्टक की टीम ने अपने हाफ से फ्री किक ली। इस दौरान क्वैंसी प्रोम्स और विलियम बैरियोस आपस में टकरा गए। दोनों खिलाड़ियों के बीच कुछ बातचीत भी हुई। इसके बाद दोनों खिलाड़ी आपस में भिड़ गए। दोनों के समर्थन में उनके साथी खिलाड़ी और स्टाफ भी पहुंच गया। इसके बाद दोनों टीमों के बीच जमकर मारपीट हुई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। फुटबॉल के मैदान पर ये नजारे बेहद दुखद हैं। इस लड़ाई के दौरान रेफरी एक-एक कर खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिखा रहे थे। उन्होंने एक के बाद एक लगातार छह खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिखाए। फैंस रेफरी को देखकर सोशल मीडिया पर मजे ले रहे हैं।

इस झगड़े की शुरुआत रोड्रिगाओ प्राडो ने की थी। जेनित के लिए 55 नंबर की जर्सी में खेलने वाले प्राडो सबसे पहले इस झगड़े में शामिल हुए और मारपीट की शुरुआत की, लेकिन रेफरी ने उन्हें रेड कार्ड नहीं दिया। इस दौरान मैच से रेफरी का कंट्रोल पूरी तरह खत्म हो गया। दोनों टीमों के सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी और कोच भी मारपीट का हिस्सा बने। खास बात यह है कि जिन छह खिलाड़ियों को रेड कार्ड मिले वह प्लेइंग 11 का हिस्सा नहीं थे। दोनों टीमों के तीन-तीन खिलाड़ियों को रेड कार्ड दिया गया।