नंदी को महादेव का प्रिय भक्त माना जाता है। शिव पुराण के मुताबिक, नंदी को महादेव का नंदीश्वर अवतार कहा गया है। महादेव का ऐसा कोई मंदिर नहीं जिसमें नंदी की मूर्ति स्थापित न हो।

ऐसा बोला जाता है कि जिस स्थान पर नंदी नहीं होते वहां महादेव का वास संभव ही नहीं। तभी महादेव मंदिरों में शिव जी के साथ साथ नंदी की पूजा का भी विधान है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार महादेव भोले हैं और अपने श्रद्धालुओं से जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। वहीं, महादेव को शीघ्र प्रसन्न करने का एक मार्ग और है। महादेव को प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका है उनके प्रिय भक्त नंदी के इस एक मंत्र का जाप। शिव पुराण में इस बात का उल्लेख मिलता है कि जो भी व्यक्ति महादेव को हृदय से स्मरण करते हुए नंदी जी के इस एक मंत्र का जाप करता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं।

नंदी गायत्री मंत्र:-
'ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, नन्दिकेश्वराय धीमहि, तन्नो वृषभरू प्रचोदयात्।।'

नंदी गायत्री मंत्र के नियम:-
सूर्योदय से पूर्व उठाकर ही नंदी गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है।
सर्वप्रथम महादेव (भगवान शिव का पाठ) का स्मरण करना चाहिए।
तत्पश्चात, नंदी जी की मुस्कुराती प्रतिमा का ध्यान करना चाहिए।
फिर शुरुआत में 11 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
ध्यान रहे मंत्र जाप मन में किया जाना चाहिए।
5 दिन 11 बार करने के बाद छठे दिन से इसे 21 बार करना आरम्भ करना चाहिए।
हर 5 दिन आप इसकी संख्या बढ़ा सकते हैं।