ग्वालियर ।   हनुमान जन्मोत्सव पर सुबह से ही शहर के सभी मंदिरों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। बालाजी मंदिर, गरगज हनुमान, खेड़ापति हनुमान सहित शहर के सभी मंदिरों पर सुबह से ही लोग दर्शन व पूजन अर्चना के लिए पहुंच गए। मंदिरों व हनुमानजी की प्रतिमाओं को सजाने का काम भी पिछले दो दिन से चल रहा था। चूंकि शनिवार को ही जन्मोत्सव था। इसलिए भी मंदिरों पर अधिक श्रद्धालु पहुंचे। सुबह सबसे पहले हनुमानजी की आरती व पूजा की गई। साथ ही हर मंदिर पर हनुमान जी को जो चीजें अधिक पसंद आती हैं, उनका भाेग लगाया गया और प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं के बीच में वितरण किया गया।

सुरक्षा के भी पुख्‍ता इंतजाम:

हनुमान जन्मोत्सव पर शनिवार को शहर में पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं। शहर व देहात के प्रमुख मंदिरों पर 700 के लगभग जवानों की तैनाती की गई है। खरगोन की घटना के बाद विशेष एहतियात बरती जा रही है। पुलिस की नजर हनुमान जन्मोत्सव निकलने वाले चल समारोह व भंडारों पर रहेगी। एसएसपी अमित सांघी ने एएसपी व नगर पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्रों में पेट्रोलिंग करने के लिए निर्देशित किया है। जिन थाना क्षेत्रों में प्रमुख हनुमान मंदिर हैं, वहां बल के साथ थाना प्रभारी मौजूद रहेंगें। शहर में प्रमुख मार्गों व संवेदनशील क्षेत्रों में चेकिंग प्वाइंट लगाये जाएंगें। संवेदनशील क्षेत्रों में खुफिया एजेंसियों को सतत नजर रखने के लिये अलर्ट किया है। एसएसपी ने दावा किया है कि शहर में आवश्यकता के अनुसार सुरक्षा के इंतजाम किये गये है। हनुमान जन्मोत्सव आज रवियोग व हर्षण योग में मनाया जा रहा है। साथ ही आज हस्त व चित्रा नक्षत्र भी है। 16 अप्रैल को हस्त नक्षत्र सुबह 8:40 तक रहेगा। उसके बाद चित्रा नक्षत्र शुरू होगा। इसके साथ ही रवि योग सुबह 5:55 से प्रारंभ होकर सुबह 8:40 तक रहेगा। इन शुभ योगों में हनुमान की पूजा करना कल्याणकारी होगी। इस दिन शनिवार होने से हनुमान जन्मोत्सव का महत्व और अधिक बढ़ गया है। शनिवार और मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना गया है। इस साल हनुमान जन्मोत्सव पर सूर्य उच्च राशि में रहेंगे। शनि अपनी उच्च राशि मकर में रहेंगे। और गुरु भी अपनी स्वराशि मीन में रहेंगे। मेष राशि में सूर्य, बुध, राहु एक साथ उपस्थित रहेंगे। बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डा. सतीश सोनी के अनुसार।

हनुमान जी को लगाएं लड्डू और पान का भोग

हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली को सिंदूर का चोला चढ़ाएं और चमेली के फूलों की माला पहनाएं व लाल लंगोट बांधें। इस दिन मंदिर के शिखर पर तिकोना लाल झंडा अवश्य लगाएं जिससे आपके जीवन की समस्त परेशानियां दूर होंगी। हनुमान जी को बेसन के लड्डू और मीठा पान अत्यंत प्रिय है। ऐसे में इस खास दिन पर हनुमान जी को उनके मनपसंद बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। साथ ही मीठे पान का भोग भी अवश्य लगाएं। पान में पांच तरह की चीजें अवश्य रखें। जिसमे कत्था, गुलकंद, खोपरा, सौंफ और गुलकंद हो। पान में चूना, सुपारी नही होना चाहिए।

हनुमान जयंती पर हनुमान जी को लगाएं राशि अनुसार भोग

मेष राशि जातकों को बेसन के लड्डू का भोग और वृष राशि के जातकों को तुलसी के बीज का भोग लगाना चाहिए। वहीं मिथुन राशि के जातकों को तुलसी दल चढ़ाना चाहिए। कर्क राशि के जातकों को घी और बेसन से बने हलबे का भोग लगाना चाहिए। सिंह राशि के जातकों को जलेबी का भोग लगाना चाहिए। कन्या राशि के जातक हनुमान जी की प्रतिमा पर चांदी का वर्क लगाएं। तुला राशि के जातक मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं। धनु राशि के जातक मोतीचूर के लड्डू के साथ तुलसी दल का भोग लगाएं। मकर राशि के जातक मोतीचूर के लड्डू का भोग और कुंभ राशि के जातक हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं। मीन राशि के जातक लौंग चढ़ाएं।

लगातार 25 वर्षो से यहां हो रहा है अखंड रामायण पाठ:

पड़ाव पुल के नीचे स्थित मंशापुर्ण हनुमान मंदिर तीन सौ साल पुराना है। जहां 1997 से लगातार अखंड रामायण पाठ चल रहा है। यहां भगवान शंकर के परिवार के साथ-साथ भैरव जी के 51 स्वरूप हैं, जिनकी 51 अखण्ड ज्योति यहां जल रही है। हनुमान जन्मोत्सव पर यहां सबसे पहले यहां बजरंगबली का अभिषेक कर विशेष श्रृंगार किया जाएगा। इसके बाद सुबह 5:00 बजे आरती की जाएगी, फिर भक्त अपने आराध्य के दर्शन कर पूजा अर्चना करेंगे। दूसरी आरती सुबह 8:00 बजे की जाएगी। इस दौरान शुद्ध देसी घी से बनी सात क्विंटल बूंदी का भोग लगाया जाएगा, जो भक्तों में प्रसादी के रूप में वितरित की जाएगी। दोपहर में भगवान राम के जन्म की आरती एवं शाम को 7:00 बजे महाआरती का आयोजन होगा। इस दौरान मंदिर में सुंदर कांड का आयोजन भी किया जाएगा। इस दौरान मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा।

गड़गड़ की आवाज से पडा गरगज नाम:

लगभग दौ सौ साल पहले गरगज के हनुमान मंदिर का निर्माण राजा जनकोजी राव सिंधिया के शासन काल में हुआ था। मंदिर से गड़गड़ की आवाज अ|ने के कारण भक्तों ने मंदिर का नाम गड़गड़ के हनुमान रख दिया जो अब गरगज के हनुमान के नाम से जाना जाने लगा। यहां हनुमान जी का जन्मोत्सव सुबह 5:00 बजे मंगल आरती के साथ राजशाही बैंड बाजों की धुनों के साथ होगा। उसके बाद पवनसुत महा रुद्राभिषेक 11 विद्वान आचार्य के द्वारा किया जाएगा। इस दौरान मंदिर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा। दूसरे दिन हनुमान जी की पालकी यात्रा निकाली जाएगी, जो मंदिर से शुरू होकर बहोड़ापुर, कोटेश्वर, जनकताल होती हुई मंदिर पर आकर समाप्त होगी। शाम को भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

फौज का खेड़ा होने से पडा खेड़ापति नाम:

सैकड़ों वर्ष पुराने खेड़ापति हनुमान मंदिर का नाम यहां सिंधिया रियासत की फौज का खेड़ा होने से पडा। यहां सिंधिया रियासत की फौज के फौजी पूजा किया करते थे। हनुमान जन्मोत्सव पर यहां सर्वप्रथम हनुमान जी का अभिषेक पांच किवंटल दूध से किया जाएगा। इसके बाद हनुमान जी का विशेष श्रृंगार होगा फूल बंगला सजाया जाएगा। साथ ही छप्पन भोग लगेगा सुबह 4:00 बजे आरती के साथ पट खुलेंगे। जिसके बाद हनुमान भक्त अपने आराध्य के दर्शन कर सकेंगे। दूसरी आरती सुबह 5:00 बजे होगी इसके साथ ही प्रसाद वितरण दिन भर चलेगा। इस दौरान मंदिर में भव्य सजावट भी की जाएगी।

प्रतिमा के दोनो तरफ बानर सेना होने से पडा सेनापति हनुमान नाम:

बिरलानगर जती की लाइन स्थित सेनापति हनुमान मंदिर लगभग 300 साल पुराना है। मंदिर में विराजमान प्रतिमा के दोनो तरफ बानर सेना होने से भक्त इन्हें सेनापति हनुमान कहने लगे। यहां हनुमान जन्मोत्सव पर सुबह हनुमान जी का अभिषेक के बाद 6:30 बजे आरती की जाएगी उसके उपरांत 8:30 बजे हवन व दोपहर 12:00 बजे से प्रसादी वितरण का कार्यक्रम होगा। इस दौरान दिनभर कीर्तन भजन के आयोजन होते रहेंगे। रात्रि में जागरण का आयोजन होगा तो पूरी रात चलेगा।