वाशिंगटन । अमेरिकी वायुसेना अकादमी के चार कैडेट इस महीने न स्नातक की उपाधि हासिल कर सकते हैं, न ही सैन्य अधिकारियों के रूप में नियुक्त हो पाएंगे, क्योंकि उन्होंने कोरोना रोधी टीका लेने से इनकार कर दिया है। वायुसेना अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चारों कैडट को उनके प्रशिक्षण पर खर्च हुए हजारों डॉलर का भुगतान भी करना पड़ सकता है। अमेरिका में यह पहली सैन्य अकादमी होगी, जहां कैडेट को इस तरह के दंड का सामना करना पड़ेगा। सेना और नौसेना ने कहा है कि वेस्ट प्वाइंट, न्यूयॉर्क तथा एनापोलिस स्थित सैन्य अकादमी व मेरीलैंड में मौजूद नौसेना अकादमी में अब तक किसी भी कैडेट को टीका लेने से इनकार करने के कारण ग्रैजुएट होने से नहीं रोका गया है। ग्रैजुएशन लगभग दो सप्ताह में होने वाला है।
रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने पिछले साल सभी सैनिकों के लिए कोरोना टीकाकरण अनिवार्य कर दिया था। उन्होंने कहा था कि सैन्य तैयारी और सैनिकों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए टीकाकरण महत्वपूर्ण है। सैन्य अधिकारियों ने दलील दी है कि सैनिकों के लिए दशकों से कम से कम 17 टीके लगवाना अनिवार्य रहा है। सैन्य अकादमियों में पहुंचने वाले छात्रों को टीका न लगा होने की सूरत में पहले दिन ही खसरा, मम्प्स और रूबेला के टीकों की खुराक दी जाती है। अमेरिकी संसद और सेना के सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सैन्य सेवाओं को टीकाकरण से छूट की समीक्षा निष्पक्ष रही है। टीकाकरण की अनिवार्यता के खिलाफ कई मुकदमे दायर किए गए हैं, जो मुख्य रूप से इस तथ्य पर केंद्रित हैं कि बहुत कम सैन्य कर्मियों को टीकाकरण से धार्मिक छूट प्रदान की गई है।