जबलपुर । मध्यप्रदेश के राज्यपाल कुलाधिपति मंगूभाई पटेल ने यहां कहा कि पशु पक्षी और उनका महत्तव वैज्ञानिक विकास का प्रतीक रहा हैं जो इस बात की ओर इशारा करता है कि पशु पक्षियों के संंरक्षण एवं संवर्धन के बिना समाज का सर्वांगीण विकास संभव नहीं हैं। गुरुकुल की परंपरा प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों द्वारा प्रारंभ की गई थी। यह परंपरा गुरुओं द्वारा शिष्यों की कार्यदक्षता और कुशलता की समीक्षा के आधार पर की जाती रही। राज्यपाल श्री पटेल यहां नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय (विटरनरी विश्वविद्यालय), जबलपुर के छठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। कुलाधिपति ने समारोह को संबोधित करते हुए आगे कहा कि आज उपाधि पाने वाले सभी विद्यार्थियों के लिए यह गर्व का अवसर है कि वे सनातन काल से चली आ रही परम्परा के अंतर्गत अपने अध्ययन को पूर्ण कर समाज एवं पशुओं की सेवा के लिए अग्रसर होने जा रहे हैं। 

नानाजी थे पशु प्रेमी...............
कुलाधिपाति ने कहा कि नानाजी देशमुख जिनके नाम पर विश्वविद्यालय है वे पशुप्रेमी थे। उनका व्यक्तित्व हमेशा प्ररेणादायी रहेगा। भारत रत्न चण्डिकादास अमृतराव देशमुख, जिनको नानाजी देशमुख के नाम से जाना जाता है, उनका ग्रामीण पुनर्निर्माण में योगदान अभिभूत वाला रहा है। वे बाल्यकाल से ही पशु.प्रेमी भी थे एवं उनका यह दृढ़ विश्वास था कि ग्रामोदय की कल्पना उन्नत पशुधन से ही साकार हो सकती है।

गौवंश और भैंस मप्र में सबसे अधिक..............
उन्होंने आगे कहा कि मध्यप्रदेश, देश का एक ऐसा राज्य है जहां देशी गौवंश की संख्या सर्वाधिक है तथा भैंसों की संख्या भी पर्याप्त है। दुधारू पशुओं की देशी नस्लों का पालन क्षेत्रीय जलवायु तथा पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल होता है। हमारा प्रदेश भारत के अन्य प्रदेशों पर पशु उपलब्धता हेतु निर्भर न रहे और स्वावलम्बी हो, इस हेतु व्याप्त कमियों को दूर करने के लिए आपका प्रयास होना चाहिए।

नानाजी की प्रतिमा का अनावरण.........
इसके पूर्व सोमवार को सुबह कुलाधिपति राज्यपाल मंगूभाई पटेल व पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल का कुलपति डॉ एसपी तिवारीए कुलसचिव सहित अन्य कॉलेजों के प्रबंधकों ने कुलाधिपति, पशुपालन मंत्री सहित अन्य विशिष्ट अतिथियों का प्रवेश द्वार पर श्रीफल व माला से स्वागत किया। तत्पश्चात विवि परिसर में कुलाधिपति मंगू भाई पटेल व पशुपालन मंत्री पटेल ने विवि में भारत रत्न नानाजी देशमुख की प्रतिमा का अनावरण किया। अतिथियों ने दीप प्रज्जवलन कर मां सरस्वती की पूजन.अर्चन किया। छात्राओं ने स्तुत गान किया। 
नानाजी देशमुख की प्रतिमा अनावरण समारोह में भारत सरकार कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ आदित्य कुमार मिश्रा ने कहा कि विवि में नानाजी देशमुख की प्रतिमा का अनावरण हमारे लिए ऐतिहासिक पल है। उन्होंने कार्यक्रम की रुपरेखा पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात विवि के कुलपति प्रो डॉ एसपी तिवारी ने दीक्षोपदेश दिया।

९६८ डिग्री और १३ गोल्ड मेडल बांटे...............
समारोह में विवि के १३ छात्र.छात्राओं को गोल्ड मेडल और डिग्री सर्टिफि केट वितरित किए गए, जबकि प्रदेश के तीन महाविद्यालयों जबलपुर, रीवा, महू के कुल ९६८ छात्र डिग्री सर्टिफिकेट प्रदान किए गए। १३ गोल्ड मेडल में ३ बीबीएससी एण्ड एएच, ३ बीएफएचसी, ३ एमबीएससी, स्वर्गीय डाक्टर एमआर राव लक्ष्मण लाइफ स्टॉक प्रोटक्शन मैनेजमेंट में ३ स्वर्ण पदक सहित वाइस चांसलर स्वर्ण पदक आउट स्टैंडिंग परफार्मेंस के लिए एक स्वर्ण पदक दिए गए।