नई दिल्ली । भारत में चीनी राजदूत सुन विडोंग ने अपने विदाई समारोह में कहा कि पड़ोसी होने के नाते चीन और भारत के बीच कुछ मतभेद होना स्वाभाविक है, हालांकि, विकास के लिए साझा आधार तलाशने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने इसपर जोर दिया कि लंबित मुद्दों का बातचीत से समाधान होना चाहिए। चीनी राजदूत की यह टिप्पणी उनके तीन साल से अधिक के कार्यकाल के अंत में आई है। 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में तनाव में आ गया। अपने विदाई समारोह के दौरान सुन ने कहा, ‘‘चीन और भारत एक दूसरे के महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं। चीन और भारत के बीच कुछ मतभेद होना स्वाभाविक है। मुख्य बात यह है, कि मतभेदों को कैसे संभाला जाए। उन्होंने कहा, हमें ध्यान रखना चाहिए कि दोनों देशों के साझा हित मतभेदों से ऊपर हैं। इस बीच, दोनों पक्षों को वार्ता और परामर्श के माध्यम से मतभेदों को हल करना चाहिए।
सुन ने कहा कि कुंजी यह है, कि मतभेदों को कैसे संभाला जाए। हमें इस बात से अवगत होना चाहिए कि दोनों देशों के सामान्य हित मतभेदों से अधिक हैं। इस बीच, दोनों पक्षों को मतभेदों को प्रबंधित करने और हल करने का प्रयास करना चाहिए, और बातचीत के माध्यम से एक उचित समाधान की तलाश करनी चाहिए। उन्होंने गैर-हस्तक्षेप नीति की वकालत कर कहा कि दोनों पक्षों को 'गलत अनुमान और गलतफहमी से बचने के लिए आपसी समझ को गहरा करना चाहिए। चीनी दूत ने कहा, दोनों देशों को एक-दूसरे की राजनीतिक प्रणालियों और विकास पथों का सम्मान करने और एक-दूसरे के आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप के सिद्धांत को बनाए रखने की जरूरत है।"