अपने घर को खूबसूरत बनाने के लिए हर व्यक्ति मुमकिन कोशिश करता है। उसे सुंदर रखने के लिए अलग-अलग प्रकार का इंटीरियर करवाता रहता है। ऐसे में सबसे ज्यादा ध्यान लकड़ी से बने फर्नीचर पर दिया जाता है। आज कल के ट्रेंड में लगभग हर सुन्दर वस्तु लकड़ी से बनी होती है, चाहे वह कोई अलमारी हो या फिर फोटो फ्रेम। क्या आपको पता है लकड़ी का संबंध सीधा घर की सुख-शांति से जुड़ा हुआ है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कुछ लकड़िया घर के लिए शुभ नहीं मानी जाती। तो आइए हम आपको बताते हैं की किस तरह की लकड़ी शुभ है और कैसी लकड़ी घर में नहीं रखनी चाहिए 
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Milk tree wood दूध वाले वृक्ष की लकड़ी: आज कल बाजार में हर तरह की लकड़ी मिलती है और सुंदरता के हिसाब से किसी भी लकड़ी का चुनाव कर लिया जाता है। लकड़ी को पसंद करते वक्त एक चीज का ध्यान रखना चहिए की वो दुधिया लकड़ी न हो यानी वो लकड़ी जिसमें से दूध या कोई सफेद चिपचिपा पदार्थ निकलता हो। रबर का पेड़ और आक का पेड़ दो ऐसे वृक्ष हैं जिनमें से सफेद पदार्थ निकलता है। ऐसी लकड़ी से बने सामान को गलती से भी घर में नहीं रखना चहिए। इनके घर में होने से परिवार के सदस्यों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।

Graveyard tree श्मशान में उगने वाला पेड़: अगर कोई भी वस्तु श्मशान की लकड़ी से बनी है तो इसे भूलकर भी घर में नहीं लाना चहिए। वास्तु के अनुसार इस प्रकार की लकड़ी से घर में नकारात्मक शक्ति का प्रभाव बना रहता है। साथ में ऐसी लकड़ी का प्रयोग करने से आर्थिक स्थिति भी खराब रहती है और हमेशा मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यह लकड़िया घर से जितना दूर रहें है उतना ही अच्छा है।

Weak tree कमजोर पेड़: घर में अलग-अलग तरह की लकड़िया बहुत सी बाधाओंं को जन्म देती हैं। इनका चुनाव बहुत ही सोच-समझकर करना चहिए। अगर घर की चौखट को बनाने के लिए कमजोर वृक्ष की लकड़ी का प्रयोग किया गया है तो घर की नींव भी निरर्थक रहेगी। कहा जाता है कि कमजोर लकड़ी की बनी वस्तुओं को दीमक और चींटियां खोखला कर देती हैं। ऐसी लकड़ी का प्रयोग करने से घर में कलेश की स्थिति बनी रहती है।

Composite wood मिलाकर बनाई हुई लकड़ी: आज कल बाजारों में हर चीज को सुदंर बनाने के लिए मिलावट की जाती है। इसी तरह लकड़ी में भी मिलावट करके बाजार में दिखाई जाती है। जरुरी है की खरीदने से पहले इसकी अच्छे से जांच कर लें। लकड़ी के रूप में बनाए गए प्लास्टिक और चमड़े से बनी लकड़ी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह बहुत तरह की बीमारियों को आमंत्रण देती है। वास्तु के मुताबिक बबूल की लकड़ी को भी शुभ नहीं माना जाता इसीलिए इसका प्रयोग जितना कम हो सके उतना ही अच्छा है।