मुंबई । डाक विभाग के सचिव विनीत पांडेय ने कहा है कि बजट आवंटन से डाक विभाग के वित्तीय समावेशन संबंधी लक्ष्यों को मजबूती मिलेगी और खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राहकों के लिए बैंकिंग की सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू किया जा सकेगा। बजट घोषणाओं के अनुसार, 2022 में सभी 1.5 लाख डाकघरों को कोर बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा जाएगा, इससे वित्तीय समावेशन, नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम के द्वारा खातों तक पहुंच संभव होगी। इस कदम से डाकघर खातों और बैंक खातों के बीच धन का ऑनलाइन हस्तांतरण भी होगा। इससे विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों और वरिष्ठ नागरिकों को काफी सुविधा मिलेगी।
डाक विभाग के लिए सकल बजटीय समर्थन वित्त वर्ष 2021-22 में 35,173.27 करोड़ रुपये (बजट अनुमान) के मुकाबले 2022-23 के लिए 36,395.89 करोड़ रुपये तय किया गया है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए शुद्ध बजटीय आवंटन 20,820 करोड़ रुपये है, जो 2021-22 में 16,528.22 करोड़ रुपये (बजट अनुमान) था। पांडेय ने कहा, ‘‘हमारे ज्यादातर लाभार्थी या हमारे ग्राहक दूसरी और तीसरी श्रेणी के क्षेत्रों से हैं। इनमें विशेष रूप से महिलाएं, किसान, कारीगर, वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। अब इन्हें वे सभी लाभ मिलने वाले हैं, जिन्हें उद्योग में सर्वोत्तम माना जाता है। बैंकिंग उद्योग की सर्वोत्तम सुविधाएं अब डाकघर के ग्राहकों के लिए भी उपलब्ध होंगी।’’
पांडेय ने कहा कि डाकघर से अब पारंपरिक भूमिका के मुकाबले कहीं अधिक अपेक्षाएं हैं और डाक विभाग अपने डिजिटल और विशाल भौतिक नेटवर्क का पूरी तरह फायदा उठा रहा है। उन्होंने कहा, बजट का लक्ष्य भी यहीं है। यह हमें इन उद्देश्यों को आगे बढ़ने के लिए एक आधार देता है और अब इसमें सभी प्रकार की सेवाओं को शामिल करना संभव है। जब आप वित्तीय समावेशन की बात करते हैं, तो डाकघर बचत एजेंसी के अलावा यह बीमा हो सकता है, प्रत्यक्ष हस्तांतरण जैसी अन्य चीजें भी हो सकती हैं।’’ उन्होंने कहा कि डाक विभाग विभिन्न प्रकार की वित्तीय सेवाओं के लिए खुद को तैयार कर रहा है।