आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) ने सुखी और समृद्ध जीवन के लिए लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र बनाए और इन्हें एक पुस्तक का रूप दिया। इस पुस्तक को चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता है।

इस ग्रंथ में मनुष्यों की हर समस्या का समाधान छिपा है। इन बातों का अगर जीवन में उतार लिया जाए तो फिर किसी भी तरह की परेशानी का सामना आसानी से किया जा सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि मनुष्यों को कुत्तें से कौन-कौन से गुण सीखना चाहिए। आज हम आपको कुत्ते के इन 4 गुणों के बारे में बता रहे हैं.

1. स्वामी भक्ति सीखें कुत्ते से
आचार्य चाणक्य के अनुसार, कुत्ता अपने स्वामी यानी मालिक के प्रति पूरी तरह से वफादार रहता है। वह न सिर्फ घर की रखवाली करता है बल्कि अन्य मुसीबतों के समय भी अपने मालिक की रक्षा करता है। यही गुण उसे मनुष्यों का सबसे वफादार जीव बनाते हैं। इसलिए मनुष्यों को भी अपने स्वामी के प्रति वफादार होना चाहिए और हर स्थिति में स्वामी की सेवा करनी चाहिए।

2. किसी से भी डरे नहीं
कुत्ते में एक गुण जन्म से ही होता है कि वह किसी भी परिस्थिति में डरता नहीं है, चाहे सामने कोई भी हो। कुत्ते के सामने कोई भी जीव हो, वो डटकर उसका मुकाबला करता है, मैदान छोड़कर भागता नहीं है। यदि मालिक पर कोई हमला कर दे तो भी कुत्ता बिना डर के उन पर हमला बोल देता है। बहादुरी का ये गुण कुत्ते से सभी मनुष्यों को सीखना चाहिए।

3. नींद में भी चौकन्ने रहें
कुत्ता कितनी भी गहरी नींद में क्यों न हो, जरा सी आवाज होने पर वह तुरंत सचेत हो जाता है और हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हो जाता है। ऐसा ही गुण मनुष्यों में भी होना चाहिए। नींद भले ही कितनी भी गहरी क्यों न हो, लेकिन विपरीत स्थिति से निपटने के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए।

4. हमेशा संतोषी बनकर रहें
कुत्ता संतोषी प्रवृत्ति का होता है यानी मालिक उसे दिन भर में जितना भोजन देता है, वो उसी में संतुष्ट हो जाता है। किसी तरह की कोई परेशानी वो मालिक को नहीं देता। मनुष्यों को भी कुत्ते की तरह संतोषी प्रवृत्ति का होना चाहिए क्योंकि जो व्यक्ति असंतुष्ट रहता है, उसे अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।