सीहोर    पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे हमारे पुण्य और पाप हमें अलग-अलग मार्ग पर ले जाते है। हम जैसा कर्म करेंगे, हमें वैसा ही फल की प्राप्ति होती है। मनुष्य को अपने कर्म करते हुए सावधान रहना चाहिए। शुभ कर्म मनुष्य को सुख- समृद्धि और शांति देते हैं। पाप कर्म का मार्ग बहुत ही कांटों भरा होता है, दलदल भरे रास्ते की ओर जाना बहुत सरल है। लेकिन इससे वापसी का कोई रास्ता नहीं होता। अच्छे कर्मों वाला रास्ता लंबा और परेशानियों से भरा होता है। इस मार्ग में बहुत सी परीक्षाएं मनुष्य को देनी पड़ती है और वह जीवन भर के लिए सुखी हो जाता है। मनुष्य जो भी अच्छे कर्म अपने इस जीवन में करता है। उनमें से कुछ को वह भोग लेता है, बाकि बचे हुए कर्म पूर्व जन्मों के बचे हुए कर्मों में जुड़ जाते हैं और यही कर्म मनुष्य का भाग्य बन जाते हैं। इन्हें कर्मों के अनुसार उसे अगला जन्म और सुख दुख आदि मिलते हैं। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी सात दिवसीय नारद शिव महापुराण के तीसरे दिन भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहे। उन्होंने नारद द्वारा माता पार्वती को भगवान शिव के तप के बारे में विस्तार से बताया। मंगलवार को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाहोत्सव मनाया गया। उन्होंने कहा कि शिव महापुराण की कथा पर जीवन में अमल करें। भगवान शिव तपस्या, त्याग, संयम एवं करुणा की मूर्ति हैं। शिव पूजन से प्राणी में उपरोक्त गुण पैदा होते हैं। शिव की उपासना करने वाले में अगर त्याग, दया व संयम नहीं है तो विचार कर लेना चाहिए कि साधना में त्रुटि अवश्य रह गई है। उन्होंने कहा कि अपनी संतान को संस्कारी बनाओं। विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी सात दिवसीय नारद शिव महापुराण का आयोजन दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक जारी रहती है। वहीं गुरुवार को भव्य भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रसिद्ध भजन गायक किशन भगत इंदौर वाले सहित अन्य भजन गायक अपनी प्रस्तुति देंगे।