संयुक्त राष्ट्र । चीन ने विश्व नेताओं से कहा कि जो कोई भी स्वशासित द्वीप एकीकरण के उसके संकल्प के रास्ते में आएगा, उसे करारा जवाब दिया जाएगा। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा ‎कि  जब चीन एकीकृत हो जाएगा, तभी ताइवान सागर क्षेत्र में सच्ची शांति हो सकती है। उन्होंने कहा कि बीजिंग बाहरी हस्तक्षेप पर जवाब देने के लिए सबसे सशक्त कदम उठाएगा। वांग ने कहा कि ताइवान हमारे देश की नीति का अहम मुद्दा है। युद्ध के बाद भी यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है। चीन हर उस प्रयास को रोकेगा जिसमें दो चीन या एक ताइवान बनाने की कोशिश की जाएगी। ताइवान मुद्दे पर शांति रखने के लिए एक चीन सिद्धांत का पालन जरूरी है और इसके लिए इस मुद्दे में बाकी देशों की दखलअंदाजी नहीं होना जरूरी है। वांग ने जापान के नाम का जिक्र कर कहा कि चीन की अखंडता कायम रखनी है । बीजिंग ताइवान से शांति पूर्ण तरीके से इस मसले पर बातचीत कर रहा है। वांग ने कहा कि अमेरिका ताइवान को लेकर गलत और खतरनाक संकेत दे रहा है। यह बात वांग ने उस वक्त कही जब ब्लिंकेन ने कहा कि ताइवान को लेकर शांति और स्थिरता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
चीन ताइवान पर अपने दावे का जोरदार बचाव करता है। ताइवान 1949 के गृहयुद्ध के बाद चीन से अलग हो गया था। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान की हालिया यात्रा से अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ा है। चीन के लिए ताइवान देश की नीति का मुख्य मुद्दा रहा है। कहा जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में कही गई चीन की इस बात का ताइवान पर असर पड़ सकता है। दूसरी ओर न के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग की उजबेकिस्तान में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात हुई। इस मुलाकात ने भी बदलाव के संकेत दिए हैं। दोनों राष्ट्र प्रमुखों की मुलाकात ने संकेत दिया है कि दोनों देश एक-दूसरे के नजदीक आ रहे हैं।