बीजिंग । ताइवान को लेकर पर चीन का रुख एकदम स्पष्ट है। चीन श्वेत पत्र जारी कर कहा है कि वह हर हाल में ताइवान द्वीप को अपने मेनलैंड से जोड़ेगा। ऐसा अगर शांति से नहीं होगा तो वह अपने सैन्य बल का प्रयोग करेगा। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) द्वारा जारी श्वेत पत्र में चीन ने एक बार फिर स्व-शासित द्वीप ताइवान को अपना हिस्सा बताया है। चीन ने कहा हम शांतिपूर्ण मिलन का प्रयास करते हैं। ताइवान इसका विरोध करेगा तो हम बल प्रयोग के विकल्प से पीछे नहीं हटेंगे।
ज्ञात हो कि ताइवान के मुद्दे पर यह चीन का तीसरा श्वेतपत्र है। पहला श्वेतपत्र 1993 में आया था। जिसमें ताइवान को स्वायत्तता देने के साथ साथ कई और वायदे किए गए थे। इसके बाद 2000 में दूसरा श्वेत पत्र जारी हुआ था। जिसमें चीन ने वादा किया था कि चीनी सैनिक ताइवान की मीडियन लाइन को नहीं पार करेंगे। इस बार के श्वेतपत्र में चीन ने ताइवान को मेनलैंड के साथ जोड़ने की बात कही है।
जब अमेरिकी हाउस की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान की धरती पर कदम रखा, उसके बाद चीन की सैन्य गतिविधियां तेज हो गई हैं। पेलोसी के दौरे के बाद चीन ने अपना सबसे बड़ा मिलिट्री अभ्यास शुरू किया था। ‘वन चाइना पॉलिसी’ के तहत ताइवान को चीन अपना क्षेत्र मानता है। इसलिए पेलोसी के दौरे पर चीन ने अमेरिका को भी धमकी दे डाली। चीन ने कहा कि अमेरिका आग से न खेले, वरना इसके परिणाम भुगतने होंगे।