नई दिल्ली  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में लापता आरोपी व्यक्तियों की जानकारी देने वाले को 50,000 रुपये का नकद इनाम देने की पेशकश की है। सूत्रों ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी। पिछले साल 2 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा में सरकार कथित रूप से मारे गए थे।

19 अगस्त, 2021 को, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर, कोलकाता उच्च न्यायालय ने राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान बलात्कार और हत्या के मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।

सीबीआई के अनुसार, मामले में आरोपी व्यक्ति कोलकाता के रहने वाले अमित दास उर्फ केटो, कोलकाता के सीतालताला लेन के रहने वाले तुंपा दास उर्फ काली, अरूप दास उर्फ बापी, संजय बारिक और पापिया बारिक हैं।

सीबीआई की विशेष अपराध शाखा ने कहा, "सीबीआई ने प्रत्येक के खिलाफ 50,000 रुपये का नकद इनाम घोषित किया है और यह किसी को भी दिया जाएगा, जो उनकी गिरफ्तारी की सूचना देगा।"

उन्होंने आगे कहा कि मुखबिर की पहचान गुप्त रखी जाएगी।

गौरतलब है कि जांच एजेंसी ने अभी तक उक्त मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की है।

हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि राज्य में चुनाव के बाद हिंसा की कोई घटना नहीं हुई थी, लेकिन एनएचआरसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद बलात्कार और हत्या के कई मामले सामने आए।

सरकार के परिवार ने लगातार आरोप लगाया था कि कोलकाता पुलिस मामले की ठीक से जांच नहीं कर रही है और हत्या के लिए जिम्मेदार 'तृणमूल गुंडों' को गिरफ्तार नहीं कर रही है, जो न केवल खुला घूम रहे हैं, बल्कि परिवार के सदस्यों को धमकी भी दे रहे हैं।

पीड़िता के बड़े भाई बिस्वजीत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट में सरकार की मौत की जांच के लिए याचिकाएं दायर की हैं।

सरकार की कथित तौर पर एक टेलीविजन केबल से गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। वह एकमात्र भाजपा कार्यकर्ता थे, जिनकी राज्य की राजधानी में चुनाव के बाद हुई हिंसा में मौत हो गई थी।