भोपाल. मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार पूरी तरह से अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी है. पिछड़ा वर्ग महासभा के नेतृत्व में रविवार को भोपाल में पिछड़ा वर्ग के हजारों लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन प्रदर्शन से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, उनके फोन छीन लिए गए और उनके साथ बर्बर व्यवहार किया गया. पूर्व मंत्री एवं विधायक कमलेश्वर पटेल ने मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय इंदिरा भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह बात कही. पटेल रातीबड़ में बंद किए गए ओबीसी कार्यकर्ताओं से मिलने भी गए. पटेल ने कहा कि अपनी जायज मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण आंदोलन करना हर भारतीय नागरिक का अधिकार है लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग द्वारा मुख्यमंत्री आवास के घेराव और प्रदर्शन की कोशिश को बर्बरता के साथ शिवराज सरकार ने दबाया है, उसकी कांग्रेस पार्टी घोर निंदा करती है. पटेल ने कहा कि हजारों ओबीसी कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर लिया गया, उन पर लाठियां चलाकर तितर-बितर कर दिया गया और उनमें से बहुत से अभी तक लापता हैं.
पटेल ने कहा, “कोविड-19 प्रोटोकॉल का हवाला देकर शहर में धारा 144 लगा दी गई है और ओबीसी के नेताओं को प्रदर्शन करने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया और नजरबंद किया गया लेकिन इसके 1 दिन पहले ही भोपाल शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन हुआ और उसे रोकने की जगह पुलिस और प्रशासन उसकी सुरक्षा में लगा रहा. जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हमेशा से आरक्षण विरोधी रहा है, उसके कार्यक्रम से कोविड-19 प्रोटोकॉल नहीं टूट रहा है और अपने हित के लिए आरक्षण की जायज मांग करने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को प्रोटोकॉल के नाम पर प्रदर्शन करने से वंचित किया जा रहा है. इस हरकत से शिवराज सिंह चौहान सरकार का पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरा खुलकर सामने आ गया है.”

पूर्व मंत्री पटेल ने कहा, “पूरे भोपाल शहर को छावनी में बदल दिया गया है. हर चौराहे पर गाड़ियों को रोक कर जांच पड़ताल की जा रही है. लोगों के आधार कार्ड चेक किए जा रहे हैं और उनका सरनेम अन्य पिछड़ा वर्ग का होने पर उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है. लोगों के मोबाइल फोन जप्त किए जा रहे हैं और उनमें व्हाट्सएप ग्रुप को पुलिस देख रही है. यह किसी भी लोकतांत्रिक देश में आम जनता के साथ सरासर अन्याय है और हर व्यक्ति की निजता का हनन है.”
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में और सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरे देश में कांग्रेस पार्टी ओबीसी और वंचित वर्ग के अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है. भाजपा और आरएसएस का आरक्षण खत्म करने का षड्यंत्र कभी कामयाब नहीं होगा.